छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बर्दास्त नहीं किया जाएगा : उदयनराजे भोसले
मुंबई : भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने गुरुवार को कहा कि महाराज का अपमान बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को पद से हटाने तक वे चुप नहीं बैठेंगे।
भोसले ने पुणे में गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी बात कह दी है। उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री इस पर उचित कार्रवाई करेंगे। अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे अपनी आगे की भूमिका 28 नवंबर को घोषित करेंगे।
बकौल सांसद भोसले, राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के विचार पुराने हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उस समय सभी राजाओं का साम्राज्य उनके नाम से जाना जाता था, लेकिन शिवाजी का साम्राज्य जनता के राज्य के रूप में जाना जाता था। उन्होंने अपनी राज्य व्यवस्था में जनता को प्रमुखता दी, उसी संकल्पना पर आज देश में लोकशाही है। उन्होंने अपने साम्राज्य में महिलाओं, सभी जाति के लोगों को सम्मान दिया। यह सब विचार पुराने कैसे हो सकते हैं।
सांसद भोसले के मुताबिक सुधांशु त्रिवेदी ने कहा था कि महाराज ने औरंगजेब से माफी मांगी थी। भोसले ने कहा कि यह तो और भी पीड़ादायक है। उस समय सभी राजाओं ने मुगलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन शिवाजी महाराज मुगलों से लड़ते रहे। उन्हें माफी मांगने की जरूरत ही नहीं थी। वे भी आत्मसमर्पण कर सकते थे, लेकिन त्रिवेदी कहते हैं कि महाराज ने माफी मांगी।
भाजपा नेता भोसले ने कहा कि उस समय सभी राजा अपने साम्राज्य के लिए लड़ाई लड़ते थे, जबकि महाराज ने सिर्फ जनता के लिए लड़ाई लड़ी। इसी वजह से आज साढ़े तीन सौ वर्ष बाद भी लोग महाराज को याद करते हैं। जबकि बहुत से लोगों को मरते ही भुला दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस मंच पर भगतसिंह कोश्यारी इस तरह का व्यक्तव्य दे रहे थे, उस मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी थे, लेकिन यह समझ से परे है कि इन लोगों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया।