जब दहल उठी थी मुंबई, आतंकवादी हमले के 14 साल पूरे, CM -डिप्टी CM शहीदों को देंगे श्रद्धांजलि, जानें पूरी कहानी
नई दिल्ली/मुंबई. आज मुंबई (Mumbai Attack) में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar) के घातक आतंकवादी हमले को 14 साल पूरी हो चुके हैं। इस लश्कर के एक हमले ने जैसे पुरे शहर को उसकी जड़ों तक हिला कर रख दिया था। इस फियादीन हमले में सैकड़ों लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। आज यानी शनिवार 26 नवंबर को इसी हमले को 14 साल पूरे हुए हैं।
आज इसकी याद में और मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) शहीदों को श्रद्धांजलि और अपना नमन देंगे। वहीं मिली जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस आयुक्त के अलावा मुंबई सहित अन्य कई स्थानों पर श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
बता दें कि बीते शुक्रवार को राज्य के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि, “26/11 का आतंकवादी हमला, हमारे अंतर्मन में एक ऐसा घाव है जो कभी नहीं भरेगा” और अब उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा ही प्रतिबद्ध रहेगी कि ऐसी घटना फिर कभी दोबारा न हो। गौरतलब है कि, मुंबई में हुए 26 /11 हमले के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) और गृह मंत्री आर.आर.पाटिल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं दूसरी तरफ मुंबई में हुए इस घटक हमले के 14 बरसे पूरे होने पर आज यानी शनिवार को लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर वहां स्थित अनेकों भारतीय भी अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की 14वीं बरसी मनाने के लिए भारतीय प्रवासी लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
26/11 मुंबई हमला-क्या थी कहानी
26 नवंबर, 2008 को 10 हथियारबंद आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में धावा बोला।
प्रसिद्ध ताज होटल सहित कई जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की, 166 लोग मारे गए, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी शामिल थे। कई अन्य लोग घायल हुए।
इन 4 दिन चले घातक हमलों में आतंकवादियों ने ताज होटल, द ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पीछे की गली में ताबड़तोड़ हमला किया।
वहीं भारतीय सुरक्षा बलों और स्पेशल फोर्सेज ने अपने अथक प्रयासों से 28 नवंबर को ओबेरॉय ट्राइडेंट पर और अगले दिन सुबह ताजमहल पैलेस को आतंकियों से मुक्त करवाया।
इन हमलों में जिंदा पकड़ा गया एकलौता आतंकवादी अजमल कसाब को 12 मार्च 2018 को पुणे के यरवदा केंद्रीय कारागार में फांसी पर लटकाया गया गया था।