बहराइच में धूमधाम से मनाया गया संविधान दिवस
बहराइच: शनिवार को वन अधिकार आंदोलन बहराइच की ओर से संविधान दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में कतरनिया घाट वन क्षेत्र के सभी गांव के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सेवार्थ फाउंडेशन गिरिजापुरी में आयोजित संविधान दिवस समारोह में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि संविधान हमारे लिए सर्वोच्च है। संविधान सिर्फ एक पुस्तक नहीं बल्कि भारत की जीवित आत्मा है। यह हजारों वर्षों की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक गुलामी से मुक्ति दिलाने वाला एक सशक्त हथियार है। उन्होंने कहा कि यह दुख की आज जब लोग संविधान की चर्चा करते हुए संविधान निर्माण से जुड़े मुद्दों की चर्चा करते हैं तो सिर्फ एक ही व्यक्ति को महिमा मंडित करते हैं जबकि यह संविधान सभा के 296 सदस्यों के द्वारा 2 वर्ष 11 माह 18 दिन तक की गई निरंतर चर्चा और 1857 से 1947 तक चले स्वतंत्रता आंदोलन का प्रसाद है।
राजेंद्र प्रधान ने कहा कि संविधान लागू होने के 73 वर्ष बाद भी अभी तक संवैधानिक मूल्यों को लागू कर पाना एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि देश में अभी सामाजिक,धार्मिक मूल्य इतने प्रगाढ़ता के साथ लोगों के दिलों दिमाग पर अपना घर बनाए हुए हैं कि उन्हें संवैधानिक मूल्यों की कोई परवाह नहीं है। आज भी लोगों को जाति धर्म रंग रूप कद पद पैसा के हिसाब से आंका जा रहा है जबकि संविधान हमें हर व्यक्ति में एक नागरिक के रूप में देखने की शिक्षा देता है।
सरोज कुमार गुप्ता ने कहा कि संविधान की सबसे ज्यादा अवहेलना वह लोग करते हैं जो संवैधानिक पदों पर विराजमान हैं। संविधान के बारे बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता लल्लन साहनी ने कहा कि हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इस को 26 नवंबर 1949 को राष्ट्र को समर्पित किया। हम उन सभी 296 सदस्यों के कृतज्ञ हैं जिन्होंने एक एक बिंदु पर चर्चा करके संविधान का निर्माण किया।
समारोह को लालजी , सरोज कुमार गुप्ता, समीउद्दीन खान, मीरा देवी, सुरेंद्र, केशव सिंह, सूरज देव,नसीर, रामसमुझ मौर्य , जंगली प्रसाद, राम प्रकाश ,अमेरिका प्रसाद, रामचंद्र, वृंदा देवी अभय जीत, कौशल किशोर आदि ने संबोधित किया।