मध्यप्रदेश और मणिपुर के बीच पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में होगा आदान-प्रदान
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मप्र और मणिपुर के मध्य पर्यटन, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में परस्पर आदान-प्रदान बढ़ाने के प्रयास होंगे। मणिपुर एक खूबसूरत राज्य है। यह बेहतरीन राज्यों में से एक है। सुंदर वन, जल और जन-सम्पदा से परिपूर्ण भारत का मुकुट मणि राज्य है। मध्यप्रदेश और मणिपुर में काफी साम्य भी है। मुख्यमंत्री चौहान मणिपुर के इंफाल में राजकीय उत्सव संगाई महोत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि बाक्सिंग में मेरीकॉम से लेकर अन्य खेलों के प्रतिभावान खिलाड़ी मणिपुर का माथा ऊँचा किए हुए हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज ने हिंदुस्तान की धरती पर सबसे पहले तिरंगा मणिपुर में ही फहराया था। इस नाते मणिपुर का विशेष महत्व है। मणिपुर, देश ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे राज्यों में से एक बन जाये, जो मणियों से भरा हो उसे हिंदी में मणिपुर कहते हैं। यह सचमुच में अद्भुत प्रदेश है। यहाँ के मंदिर भी अद्भुत हैं। गोविंद जी मंदिर और गोपीनाथ जी का मंदिर मणिपुर में आस्था का केंद्र हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पर्यटन के क्षेत्र में मणिपुर अग्रणी है। आने वाले दस वर्ष में मणिपुर हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा टूरिज्म डेस्टिनेशन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ता जाये,ऐसी शुभकामनाएँ मप्र वासियों की हैं। मणिपुर का सौंदर्य अभिभूत करने वाला है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की सुंदरता भी कम नहीं है। उन्होंने मणिपुर के रहवासियों को पर्यटन के लिए मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर के जो विद्यार्थी मध्यप्रदेश में अध्ययनरत हैं, उनकी चिंता करना मुख्यमंत्री के नाते मेरा दायित्व है। मुख्यमंत्री चौहान ने मणिपुर राज्य के व्यंजनों की भी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत 12 वर्ष से प्रारंभ इस उत्सव का यह 11वां वर्ष है। कोविड की वजह से उत्सव की निरंतरता प्रभावित हुई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने गत 21 नवम्बर से प्रारंभ 10 दिवसीय उत्सव के सातवें दिन आज इसमें हिस्सा लेते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को उत्सव के लिए बधाई दी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने मणिपुर की पारम्परिक चित्रकला सहित अन्य कलात्मक वस्तुओं की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चौहान को उपहार भी भेंट किये। महोत्सव में मणिपुर के लोक कलाकारों सहित देश के विभिन्न प्रांतों के कलाकारों के नृत्य और मध्यप्रदेश के लोक नृत्य की भी प्रस्तुति हुई।