निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और उनके पति सहित 6 की संपत्ति जब्त करेगी ईडी
रांची : ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने झारखंड में मनरेगा घोटाले में जेल में बंद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की चल-अचल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार सिंह और चार जूनियर इंजीनियरों की भी संपत्ति जब्त की जाएगी। ईडी ने इन सभी की संपत्तियों की सूची तैयार कर ली है और इन्हें जब्त करने की कार्रवाई अगले हफ्ते होने की संभावना है।
मनरेगा घोटाला का यह मामला झारखंड के खूंटी जिले का है। पूजा सिंघल खूंटी के उपायुक्त के रूप में 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक पोस्टेड थीं। इसी दौरान 18.06 लाख का घोटाला हुआ था।
आरोप है कि मनरेगा की योजनाओं में काम कराए बगैर ही राशि की निकासी कर ली गई। इसके अलावा कमीशन के तौर पर भी मोटी रकम की उगाही हुई थी। घोटाला सामने आने पर झारखंड सरकार ने इसकी जांच शुरू कराई थी, लेकिन बाद में सिंघल को इसमें क्लीन चिट दे दी गई थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे।
इधर, ईडी ने घोटाले से अर्जित रकम की मनीलॉन्ड्रिंग पर जांच की तो पाया कि खूंटी, चतरा और पलामू में उपायुक्त के पद पर रहते हुए पूजा सिंघल के बैंक अकाउंट्स में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपए ज्यादा की राशि जमा हुई है। ईडी ने बीते 6 मई को पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, उनके सीए सुमन कुमार के 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापामारी कर उनकी संपत्तियों और लेन-देन के कई दस्तावेज बरामद किए थे। इस मामले में 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा रांची के बरियातू में पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल चलाते हैं। ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि इस हॉस्पिटल के निर्माण में भी पूजा सिंघल ने दो करोड़ रुपए नकद दिए थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार ने भी पूछताछ के दौरान ईडी को जानकारी दी थी कि पल्स हॉस्पिटल में पैसे जमा कर वह फर्जी बिल बनवाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि पूजा सिंघल द्वारा अर्जित ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा सके।
पल्स हॉस्पिटल के निर्माण पर 42.85 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन कागज पर मात्र 3.19 करोड़ का खर्च दिखाया गया। इसलिए, ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी की है, उसमें पल्स हॉस्पिटल भी शामिल है।
मनरेगा घोटाले में खूंटी के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा, जय किशोर चौधरी, शशि प्रकाश और राजेंद्र कुमार जैन की भी संलिप्तता सामने आई है। ईडी इनकी भी संपत्ति जब्त करेगा।