रांची : झारखंड पुलिस के दो डीएसपी पवन कुमार और मजरूल होदा पर हत्या का मुकदमा चलेगा। छह साल पुराने दो अलग-अलग मामलों में सीआईडी जांच के बाद दोनों डीएसपी आरोपी बनाए गए हैं। सीआईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने इनके विरुद्ध मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। डीएसपी पवन कुमार फिलहाल बोकारो डीआईजी कार्यालय में और मजरूल होदा इंडिया रिजर्व बटालियन-5 जामताड़ा में तैनात हैं। जिन मामलों में इनके खिलाफ मुकदमे की मंजूरी दी गई है, उसमें पहली घटना 13 जून 2016 की है।
धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र में बाघमारा के तत्कालीन डीएसपी मजरूल होदा और हरिहरपुर के तत्कालीन थानेदार संतोष रजक द्वारा सादे लिबास में रोड पर गाड़ियों की चेकिंग की जा रही थी। इस बीच चमड़ा लदे एक ट्रक को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रक चालक मोहम्मद नाजिम ने ट्रक की स्पीड और बढ़ा दी। सीआईडी की चार्जशीट के मुताबिक अधिकारियों ने ट्रक का पीछा कर ड्राइवर को गोली मार दी। जख्मी ट्रक चालक ने इलाज के दौरान बयान दिया था कि उसे लगा था कि अपराधी उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए नजदीक के पुलिस स्टेशन में जाने के लिए ट्रक की स्पीड बढ़ा दी थी।
पुलिस अधिकारियों ने गोली मारने के बाद एक पिस्टल, दो खोखे और कुछ कारतूस जब्त दिखाते हुए बताया था कि ट्रक चालक और अन्य ने मिलकर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। इसमें दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एक ट्रक चालक के बयान पर, जिसमें डीएसपी, इंस्पेक्टर आदि आरोपी बनाये गये थे। अब इसी मामले में सरकार ने डीएसपी नजरूल होदा के खिलाफ धारा 307, 468, 471, 201, 34, 120-बी के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
दूसरी घटना रांची के बुंडू थाना क्षेत्र में 8 जुलाई 2016 की है। बुंडू के आदर्श नगर निवासी 17 वर्षीय रूपेश स्वांसी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। वह एक कपड़े की दुकान में काम करता था। रूपेश के पिता भूषण स्वांसी ने अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 7 जुलाई 2016 को पांच बजे सिविल ड्रेस में दो पुलिसकर्मी उसकी दुकान पर आए और पूछताछ करने के नाम पर रूपेश को ले गए। रूपेश के पिता जब सुबह थाने गए तो पुलिसकर्मियों ने इधर-उधर की बातें कीं। बाद में बताया कि रूपेश को रिम्स में भर्ती किया गया है। पिता रिम्स पहुंचे तो रूपेश मृत अवस्था में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रूपेश के शरीर पर 16 जगहों पर जख्म की बात सामने आई थी।
घटना के बाद रांची के तत्कालीन एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने राहे ओपी के तत्कालीन प्रभारी अशोक प्रसाद और दशम फॉल के तत्कालीन थाना प्रभारी पंकज तिवारी को निलंबित भी कर दिया था। रूपेश स्वांसी की हिरासत में हुई मौत के मामले में डीजीपी के आदेश पर सीआईडी की जांच कराई गई थी। जांच में डीएसपी पवन कुमार सहित चार पुलिस कर्मियों को हिरासत में रूपेश की मौत के लिए जिम्मेदार माना गया। सरकार ने इसमें डीएसपी पवन कुमार के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी दी है।