अग्नि पंचक में भूलकर भी न करें ये काम, वरना उठाना पड़ सकता है नुकसान
नई दिल्ली : 29 नवंबर 2022 से अगले पांच दिन यानी कि 4 दिसंबर 2022 तक पंचक की शुरूआत हो चुकी है. ये अग्नि पंचक होगा. शास्त्रों में पंचक की अवधि में कोई भी शुभ काम करना वर्जित है, क्योंकि इसे अशुभ नक्षत्र माना जाता है और अशुभ समय में किए काम शुभ परिणाम (good result) नहीं देते हैं. साथ ही जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती है.
अगर किसी कारणवश पंचक के दौरान कोई कार्य करना बहुत जरूरी है तो गुरुण पुराण में बताए गए कुछ खास उपाय कर इसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं अग्नि पंचमी कब से शुरू होगा और क्या है इसके उपाय.
अग्नि पंचक 2022 (Agni Panchak 2022)
अग्नि पंचक शुरू – 29 नवंबर 2022, रात 07.51
अग्नि पंचक समाप्त – 4 दिसंबर 2022, शाम 06.16
पंचक उपाय
शास्त्रों में पंचक समय दक्षिण दिशा में यात्रा करने को मनाही है लेकिन अगर किसी कारण से इस दिशा में जाना पड़े तो पहले हनुमान मंदिर में 5 फल का बाबा को भोग अर्पित करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर यात्रा पर निकलें.
वैसे तो पंचक में लकड़ी खरीदना मना होता है लेकिन अगर घर में शादी का समय नजदीक है और लकड़ी का फर्नीचर या इससे निर्मित अन्य वस्तुएं खरीदनी है तो गायत्री हवन करने के बाद ये काम कर सकते हैं.
पंचक काल में ईंधन का सामान खरीदना है तो शिवालय में पांचमुखी आटे का दीपक बनाकर उसमें तेल डालकर प्रज्वलित करें. भोलेनाथ की पूजा करने के बाद ईंधन खरीदें.
अगर इन दिनों में मकान छत डलने का काम होना है तो मकान निर्माण का कार्य कर रहे मजदूरों को मिठाई खिलाएं और फिर छत का काम शुरू करें. पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो शव दहन के वक्त 5 आटे या कुश के पुतले का शव के साथ अंतिम संस्कार करें. शास्त्रों के अनुसार इससे घर के लोगों पर आने वाला संकट खत्म हो जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक एक माह में एक बार तो आते ही है, हर बार पंचक अलग तरह के होते है. पंचक के नाम सप्ताह में दिन के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं. सोमवार से शुरू होने वाला राज पंचक कहलाता है, मंगलवार के दिन से लगने वाला अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला चोर पंचक, शनिवार को लगने वाला मृत्यु पंचक, रविवार से प्रारंभ होने वाला रोग पंचक कहलाता है.