मध्य प्रदेश में ऑनलाइन गैम्बलिंग पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने पर हो रहा विचार
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में राज्य शासन की ओर से अपना जवाब पेश किया गया। जिसमें अवगत कराया गया कि आनलाइन गैम्बलिंग पर अंकुश लगाने कानून बनाने राज्य के वरिष्ठ सचिवों की कमेटी विचार कर रही है। कानून का खाका तैयार करने में अभी तीन माह का समय लगेगा। इसके बाद विधानसभा में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने उक्त जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए राज्य शासन को मोहलत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च 2023 को होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को आनलाइन गैम्बलिंग पर अंकुश लगाने जरूरी कदम उठाने कहा था। कोर्ट ने कहा था कि आनलाइन गैम्बलिंग से देश के युवाओं के आर्थिक, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बड़े स्तर पर प्रभावित हो रहा है। इस मामले में ठोस निर्णय लेने में अब अधिक समय इंतजार नहीं किया जा सकता।
सिंगरौली निवासी सनत कुमार जायसवाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया था। अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता के अनुसार सनत पर आरोप है कि उसने अपने नाना के खाते से आठ लाख 51 हजार रुपये निकाल लिए। इस रकम को उसने आइपीएल के सट्टे में लगाकर बर्बाद कर दिया। केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने कोर्ट को बताया कि गैम्बलिंग व बेटिंग (जुआ व सट्टा) राज्य सूची का विषय है। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले पर राज्य के वरिष्ठ सेक्रेटरीज की कमेटी विचार कर रही है। लिहाजा, शीघ्र ही इस पर कानून बनाने का मसौदा तैयार कर लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने सारी जानकारी अभिलेख पर ले ली।