हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स 31 दिसंबर तक जमा कराने पर अब ब्याज पूरी तरह माफ
रोहतक : हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स की राशि 31 दिसंबर, 2022 तक जमा कराए जाने पर ब्याज राशि में पहली बार 100 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। इससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बहुत बड़े वर्ग को राहत मिलेगी। इसके साथ ही शहरी निकाय मंत्री कमल गुु्प्ता ने कहा है कि प्रॉपर्टी के नाम और एरिया में संशोधन करने की सतत प्रक्रिया है। इसका रजिस्ट्री से कोई संबंध नहीं है। आवेदक केवल शपथ-पत्र देकर ही ऐसा संशोधन करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर 31 मार्च, 2023 तक नई रजिस्ट्री होने अथवा पुराने डाटा में संशोधन कराया जाता है तो अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
गुप्ता शुक्रवार को रोहतक में स्थानीय निकाय आयुक्तों के साथ प्रॉपर्टी टैक्स, एनडीसी पोर्टल और अन्य बिंदुओं की समीक्षा मीटिंग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगों को साफ और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराए जाने की दिशा में बेहतर काम हुआ है। हरियाणा में प्रॉपर्टी टैक्स अब पूरी तरह स्ट्रीम लाइन हो चुका है। शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्रों में पार्किंग की मार्किंग की जाएगी। अच्छे अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों की छुट्टी, बीमारी और यात्रा भत्ता आदि तुरंत जारी करने को कहा। उन्होंने प्रॉपर्टी टैक्स की ब्याज राशि में 100 प्रतिशत छूट का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा, ताकि अधिकतम लोगों को इसका फायदा मिल सके। मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. के. गुप्ता ने सभी नगर आयुक्तों को निर्देश दिए कि सभी पुरानी और नई प्रॉपर्टी को आपस में जोड़ने का काम 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। जो संपत्तियां नहीं जुड़ पा रही हैं, उनकी सूची बनाएं। ताकि इस कार्य को जल्दी समाप्त किया जा सके।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने सभी नगर आयुक्तों से कहा कि एनडीसी पोर्टल पर प्रॉपर्टी के पुराने डाटा को नए डाटा से जोड़ने का काम हर हाल में 31 दिसंबर, 2022 तक पूरा कर लिया जाए। इस दौरान फरीदाबाद नगर आयुक्त जितेंद्र दहिया, सोनीपत आयुक्त मोनिका गुप्ता, यमुना नगर आयुक्त आयुष सिन्हा, हिसार आयुक्त प्रदीप दहिया, गुरुग्राम आय़ुक्त मुकेश आहूजा और रोहतक आयुक्त धीरेंद्र ने कहा कि याशी कंसल्टिंग के साथ काम करते हुए प्रॉपर्टी सर्वे पूरा कराया जा चुका है। इस दौरान पुराने और नए डाटा का मिलान भी किया गया। लेकिन, वर्ष 2013-14 से जीआईएस कन्सोर्टिंयम मैप माय इंडिया का सर्वे डाटा में कोर्डिनेट गलत होने से पुरानी संपत्तियों को नक्शे पर सही नहीं लाया जा सकता था। इसलिए अब स्थानीय निकाय एनडीसी पोर्टल पर जीआईएस एप्लीकेशन का उपयोग करके याशी कंसल्टिंग के सर्वे डाटा से इंटीग्रेट कर रहे हैं।