इस दिन है साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शिव और शक्ति के मिलन का दिन माना जाता है. इसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से विवाहिता को अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है वहीं कुंवारी कन्याएं ये व्रत सुयोग्य वर पाने की चाहत में करती हैं.
कहते हैं भोलेनाथ अपने सभी भक्तों को समान फल प्रदान करते हैं. जो जैसी भक्ति करता है उसी अनुरूप परिणाम पाता है. मासिक शिवरात्रि में रात्रि जागरण करने का विधान है जो पूरी निष्ठा के साथ इसका पालन करता है शिव के समुख खुद को समर्पित कर देता है उसके असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. आइए जानते हैं साल 2022 की आखिरी मासिक एकादशी व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
पौष मासिक शिवरात्रि 2022 डेट
साल 2022 की आखिरी मासिक शिवरात्रि व्रत पौष माह में 21 दिसंबर 2022, बुधवार के दिन रखा जाएगा. बुधवार का दिन गणपति को समर्पित है, ऐसे में शिव-पार्वती के अलावा इस दिन गणपति की पूजा करना बहुत शुभ फल प्रदान करेगा.
पौष मासिक शिवरात्रि 2022 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 दिसंबर 2022 को राज 10 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी. चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 22 दिसंबर 2022 को राज 07 बजकर 13 मिनट पर होगी. मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करने का विधान है ऐसे में ये व्रत 21 दिसंबर 2022 को ही रखा जाएगा.
पूजा का मुहूर्त – 21 दिसंबर 2022, रात 11.58 – 22 दिसंबर 2022, सुबह 12.52
मासिक शिवरात्रि पूजन विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. उसके बाद किसी मंदिर में जाकर शिव परिवार की अराधना करें. सबसे पहले शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें. उसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. अब भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें. संध्या के समय फलाहार करें. इस दिन उपासक को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें.
मासिक शिवरात्रि के दिन भूलकर न करें ये काम
- शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए और ना ही शिव के भोग में तुलसी का इस्तेमाल करना चाहिए.
- मासिक शिवरात्रि के दिन खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस दिन तामसिक भोजन, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस दिन पीले और लाल रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. भूलकर भी इस दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए.
मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ
धार्मिक मान्यता है कि शिवरात्रि तिथि के दिन भोलेनाथ अपनी जीवनसंगीनी माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं. अगर महादेव के भक्त रात्रि में श्रद्धापूर्वक शिवलिंग का अभिषेक कर पूजन करते हैं तो उनकी अधूरी इच्छाएं जल्द पूरी हो जाती हैं. कहते हैं इस दिन पारद शिवलिंग की स्थापना करना बहुत शुभ होता है. इससे घर में धन और सुख में वृद्धि होती. घर में आमदनी के स्रोत बढ़ते हैं.