पटना. बिहार बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक तस्वीर बदलने के साथ राज्यसभा सीटों को लेकर सियासी पेंच फंस गया है. इस साल जुलाई में पांच राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन अभी से कई नेताओं ने इसपर अपनी दावेदारी ठोक दी है. एक नजर, सियासी हालात और संभावित दावेदारों की लिस्ट पर.
राजद: 80 विधायक= दो राज्यसभा सीट
दावेदार: राबड़ी देवी, मीसा भारती, रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह, मनोज झा
नीतीश सरकार में अपने दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को मंत्री बनवाने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती का राजनीतिक करियर संवारने में जुटे हैं. राजद प्रमुख की पूरी कोशिश है कि दोनों सीटों पर दावेदारी उनके परिवार के सदस्य की ही हो.
राबड़ी देवी अभी बिहार विधानसभा परिषद की सदस्य हैं और मीसा भारती पिछला लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं. ऐसे में लालू की कोशिश है कि दोनों को राज्यसभा सांसद बनाकर दिल्ली की राजनीति में अपनी दखल मजबूती से पेश करें.
हालांकि, लालू प्रसाद यादव के लिए यह फैसला लेना बेहद आसान नहीं होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह और राजद प्रवक्ता मनोज झा भी राज्यसभा सांसद बनने को इच्छुक हैं. ऐसे में परिवार को तरजीह देकर इन नेताओं को नकारना लालू के लिए संभव नहीं होगा.
जदयू: 73 विधायक= दो राज्यसभा सीट
दावेदार: शरद यादव, केसी त्यागी, आरसीपी सिंह, पवन वर्मा, प्रशांत किशोर
राज्यसभा सीटों को लेकर सबसे ज्यादा मशक्कत जदयू को करनी पड़ रही है. इस बार पार्टी के पांच सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन उसके हिस्से दो ही सीट है. ऐसे में एक सीट पर जदयू अध्यक्ष शरद यादव का चुना जाना तय है. बाकी एक सीट पर नीतीश कुमार अपने भरोसेमंद प्रशांत किशोर को देखना चाहते हैं.
जदयू सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की भूमिका को देखते हुए उनकी दावेदारी सबसे मजबूत है. हालांकि, नीतीश के लिए केसी त्यागी, आरसीपी सिंह और पवन वर्मा जैसे दिग्गजों को नकारना आसान नहीं होगा.
एक नाम नीतीश कुमार के बेटे निशांत का नाम भी सामने आ रहा है. नीतीश के गांव कल्याणबीघा में निशांत की दावेदारी को लेकर लगे पोस्टर इसके सबूत हैं.
भाजपा+: 58 विधायक= एक राज्यसभा सीट
दावेदार: सुशील कुमार मोदी, शाहनवाज हुसैन
विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बीजेपी के लिए इस बार राज्यसभा चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. वजह है पार्टी के दो दिग्गज सुशील कुमार मोदी और शाहनवाज हुसैन की दावेदारी.
शाहनवाज हुसैन लोकसभा चुनाव हार चुके हैं और वे उस वक्त राज्यसभा सांसद बनते बनते रह गए जब झारखंड से बीजेपी ने एमजे अकबर को राज्यसभा के लिए भेज दिया.
वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी अब इस रेस में हैं. विधानसभा चुनाव में सुशील कुमार मोदी बीजेपी के अघोषित मुख्यमंत्री पद के चेहरा थे. चुनाव प्रचार के दौरान 180 से ज्यादा रैलियां कर वे अपनी काबिलियत और जनता पर पकड़ की सबूत दे चुके हैं. ऐसे में बीजेपी के लिए उनकी दावेदारी को ठुकराना आसान नहीं होगा.