Ukraine पर उसी की मिसाइलों से हमला, जिन्हें सोवियत संघ से अलग होने पर रूस को सौंपा था
कीव : यूक्रेन को युद्ध में अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। यूक्रेन के डिप्टी इंटेलिजेंस प्रमुख जनरल वादिम स्कीबित्सकी ने बताया कि अक्तूबर के बाद रूस (Russia) उस पर उन मिसाइलों से हमला कर रहा है, जिन्हें यूक्रेन (Ukraine) ने 1990 में सोवियत संघ से अलग होने पर रूस को सौंपा था। असल में 1990 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद यूक्रेन के पास परमाणु हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खजाना था।
आर्थिक संकट का सामना कर रहे यूक्रेन ने अमेरिका और यूरोप के दबाव में अपने परमाणु हथियार त्यागने का फैसला किया था। जनरल स्कीबित्सकी ने बताया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 1970 के दशक में यूक्रेन में बनाई गईं केएच-55 सबसोनिक क्रूज मिसाइल का मलबा पिछले दिनों रूसी हमले के बाद ख्मेलनित्स्की इलाके में मिला। उन्होंने बताया कि सिर्फ मिसाइल ही यूक्रेन में बनी हुई नहीं थी, बल्कि जिस टीयू-160 बमवर्षक से इसे गिराया गया, वह भी यूक्रेन में बना था।
जनरल स्कीबित्सकी ने बताया कि बिना परमाणु हथियारों के यह मिसाइल कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन जब यह असामान में होती है, तो एयर डिफेंस सिस्टम इसे धराशायी करने में व्यस्त हो जाते हैं, इसी बीच रूस अत्याधुनिक मिसाइलों से लक्ष्यों पर सटीक हमले कर देता है। अभी तक तीन मिसाइलों के अवशेष मिले हैं, जो यूक्रेन में बनी थीं और यूक्रेन पर इन्हें दागा गया है।
रूसी हमले की क्षमताओं में गिरावट का दावा करते हुए जनरल ने कहा कि रूस के पास अब चार-पाचं बार के बड़े हमले लायक मिसाइलें बची हैं। एक बार के हमले में 80 से 90 मिसाइलें होती हैं। बीते सोमवार को रूस ने एक साथ 70 मिसाइलें दागी थीं। स्किबिट्स्की ने कहा कि रूस के पास अब आधुनिक व सटीक हमले में सक्षम मिसाइलें काफी कम बची हैं, क्योंकि रूस एक माह में 40 से ज्यादा मिसाइलें नहीं बना सकता। इस लिहाज से देखें, तो युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस 360 केएच और कैलिब्र मिसाइलें ही बना पाया होगा।