नई दिल्ली: ब्लड शुगर बढ़ने से नसों को नुकसान पहुंचता है। जिसके कारण पैर में भी डायबिटीज के लक्षण दिखने लगते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक डायबिटीज के कारण पैर व हाथ की नसें डैमेज होने को डायबिटिक पेरिफेरल न्यूरोपैथी कहते हैं।
डायबिटीज के कारण पैरों में दिखने वाले लक्षणों को मसाज करके कम किया जा सकता है। पैरों में खास जगह पर मसाज करके पैरों में होने वाली झनझनाहट, सुन्नपन और दर्द से आराम पा सकते हैं। पैरों की मालिश करके नसों को फिर से स्वस्थ बनाया जा सकता है।
रात में बिगड़ते हैं पैर में डायबिटीज के लक्षण
मायोक्लीनिक के मुताबिक, पैर में दिखने वाले डायबिटीज के लक्षण रात में ज्यादा बिगड़ जाते हैं, जो कि इस प्रकार हैं।
पैर व तलवों में सुन्नपन
झनझनाहट होना
तेज दर्द या नस चढ़ना
पैरों में कमजोरी आना
पैरों में अल्सर, जख्म या काले निशान होना, आदि
मसाज करके नीचे आएगा ब्लड शुगर
हेल्थलाइन के मुताबिक, 2019 में कई रिसर्च का अध्ययन करके पाया गया कि पैरों की मसाज करने से हाई ब्लड शुगर नीचे ला सकते हैं। इससे पैर में डायबिटीज के लक्षण कम किए जा सकते हैं। ब्लड शुगर नीचे लाने के साथ हीमोग्लोबिन ए1सी लेवल, दर्द और डायबिटिक फुट अल्सर से भी राहत पा सकते हैं।
फुट मसाज में इन बातों पर दें ध्यान
पैरों की मालिश करते हुए कुछ बातों पर ध्यान देने से मसाज ज्यादा फायदेमंद बन जाती है। हेल्थलाइन के मुताबिक, फुट मसाज से जल्दी फायदा पाने के लिए मालिश की क्वालिटी, प्रेशर, समय, मसाज का प्रकार और मरीज की मानसिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए। कुछ टाइप की मसाज डायबिटीज में ज्यादा फायदेमंद होती है।
पिंडली पर मसाज करें
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में नसों में ब्लॉकेज आने का खतरा ज्यादा होता है। जिसके कारण पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज हो जाती है। हेल्थलाइन के मुताबिक, इस समस्या को दूर करने के लिए कनेक्टिव टिश्यू की मसाज नियमित करनी चाहिए। ये टिश्यू आपकी पिंडलियों, घुटनों आदि में होते हैं।
थाई मसाज से दूर करें डायबिटीज के लक्षण
पैरों में थाई मसाज ( करके पैरों में डायबिटीज के लक्षण दूर कर सकते हैं। थाई मसाज में हाथों की उंगलियों के जोड़ों से पैरों व तलवों पर खास जगह दबाव डालना होता है। डायबिटीज के लक्षणों को दूर करने के लिए टखनों के नीचे, तलवे के बिल्कुल बीच और तलवे के दूसरी तरफ मालिश करें।