नई दिल्ली. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में भारत (India) और चीन (China) के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद बढ़े तनाव के बीच भारत ने गुरुवार को परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का रात्रि परीक्षण सफलतापूर्वक किया। यह जानकारी डिफेंस के सूत्रों ने दी।
अग्नि-5 मिसाइल 5,000 किमी से अधिक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। ओडिशा के बालासोर तट स्थित अब्दुल कलाम परीक्षण केंद्र पर यह परीक्षण किया गया। डिफेंस सूत्रों के मुताबिक मिसाइल पर लगाई गई नई तकनीकों और उपकरणों के टेस्ट के लिए इसका परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल अब पहले से हल्की हो गई है। जरूरत पड़ने पर अग्नि-5 मिसाइल की रेंज बढ़ाने की क्षमता भी विकसित की गई है।
मौजूदा संस्करण अग्नि चार 4,000 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्यों में भेदने में सक्षम है जबकि अग्नि-तीन की मारक क्षमता 3,000 किलोमीटर है, वहीं अग्नि दो 2,000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। अग्नि-5 परियोजना का उद्देश्य चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है, जिसके पास डोंगफेंग-41 जैसी मिसाइल होने की जानकारी है, जिसकी मारक क्षमता 12,000-15,000 किलोमीटर के बीच है।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो व्यक्तियों ने बताया कि अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। हालांकि, मिसाइल के परीक्षण पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मिसाइल का परीक्षण सेना के तीनों अंगों में शामिल करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। इन व्यक्तियों ने कहा कि परीक्षण ने हथियार के कई महत्वपूर्ण पहलुओं की पुष्टि की।
भारत ने गत जून में सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए परमाणु-सक्षम अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का रात में सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। भारत पिछले कुछ वर्षों में लगातार अपनी समग्र सैन्य शक्ति को बढ़ा रहा है। इस अवधि के दौरान देश ने कई मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। गत मई में, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई लड़ाकू विमान से परीक्षण किया गया था। यह ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई-30एमकेआई विमान से पहला प्रक्षेपण था।