दिल्ली

दिल्ली के एलजी ने पर्यावरण प्रदूषण की फाइल को दी मंजूरी, सरकार ने लौटा दी थी फाइल

पर्यावरण प्रदूषण को लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा आदेश दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि सरकार की ओर से इस फाइल को वापस लौटा दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव द्वारा अधिकारियों, विभागों और एजेंसियों को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए आदेश जारी किया जाना था। मुख्य सचिव ने इस आदेश को जारी करने की अनुमति लेने के लिए फाइल पर्यावरण मंत्री को भेजी थी। सूत्रों का आरोप है कि इस फाइल को पर्यावरण मंत्री ने 17 नवंबर तक अपने पास रखा और बिना कोई टिप्पणी मुख्य सचिव को वापस भेज दी। यह फाइल मंत्री के अनुमोदन के पश्चात आगे उसे उपराज्यपाल के पास भेजा जाना था। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव ने इस फाइल को सीधे उपराज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा था, जिसे उपराज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

सरकार का दावा : दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार गंभीर है। सर्दियों में वायु प्रदूषण खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान जारी किया गया है। इसे दिल्ली की सभी एजेंसियां आपस में मिलकर सफलतापूर्वक लागू भी कर रही हैं। यही कारण है कि पिछले कई साल की तुलना में दिल्ली में इस बार वायु प्रदूषण काफी हद तक नियंत्रण में रहा है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लोगों को अब ज्यादा दिन तक स्वच्छ हवा नहीं मिलेगी, क्योंकि रफ्तार कम होने और ठंड बढ़ने से प्रदूषण के संकट में बढ़ोतरी की आशंका है। वायु मानक संस्था सफर का अनुमान है कि अगले तीन दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी में रह सकता है। दिल्ली के लोग अक्तूबर के दूसरे पखवाड़े से ही खराब हवा में सांस ले रहे थे। रफ्तार बढ़ने और मौसम अपेक्षाकृत गर्म होने के चलते मंगलवार से हवा थोड़ी साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, गुरुवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 189 रहा। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में माना जाता है। तीन दिन से एक्यूआई 200 से नीचे है। सफर के मुताबिक, अगले तीन दिन हवा की रफ्तार कम होगी। बीच-बीच में हवा बिल्कुल शांत हो जाएगी।

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