बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग दो लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य अग्रणी बन जाएगा। श्री बोम्मई ने आज यहां केंद्रीय प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम, शहरी विकास और आवास मंत्री डॉ. हरदीप सिंह पुरी के साथ भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर श्री बोम्मई ने कहा कि देश की 46 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कर्नाटक में होता है। कर्नाटक ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। जहां एशिया में पहला पनबिजली संयंत्र शुरू किया। राज्य में 31 हजार मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से आधा नवीकरणीय ऊर्जा है। उन्होंने कहा कि बैंगलोर के पास एक सौर पार्क स्थापित किया गया है। देश की 46 प्रतिशत बिजली कर्नाटक में उत्पादित की जा रही है। लेकिन बिजली भंडारण एक चुनौती है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन और भंडारण बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्रदेश में हाइड्रोजन विज्ञान के क्षेत्र में पूंजी निवेश भी हो रहा है। इसके अलावा समुद्री जल से अमोनिया के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन के कम इस्तेमाल और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाना चाहिए।
श्री बोम्मई ने कहा कि राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में अच्छे अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं। केंद्र सरकार की एक देश, एक ग्रिड नीति ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाएगी तथा यह देश भर में बिजली संचरण को आसान बनाने की योजना है। देश के लिए पर्याप्त ऊर्जा का उत्पादन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार और निजी संगठनों को हरित ऊर्जा के उत्पादन और खपत पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 कार्यक्रम का उद्देश्य साकार होने की कामना की। उन्होंने कहा कि विकास के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है।