मध्य प्रदेशराज्य

छात्रों के भविष्य की नहीं चिंता, 15 प्रोफेसर्स को सरकार ने फिर दे दी मंत्रालय में पोस्टिंग

भोपाल : उच्च शिक्षा विभाग के एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक सूबे के सभी विवि को मार्च में अपनी परीक्षाएं शुरू कराना है। प्रवेश प्रक्रिया 13 अगस्त तक चली थी। विद्यार्थियों को मार्च तक अपना कोर्स पूरा करना है, ताकि वे अच्छे अंक हासिल कर सकें। प्रोफेसरों की कमी के कारण विद्यार्थियों का समय पर सिलेबस होना मुश्किल है। ऐसे में विभाग ने 15 प्रोफेसरों को संचालनालय में अटैच कर दिया है, जबकि विभाग और संचालनालय में करीब दो दर्जन प्रोफेसर पूर्व से काबिज हैं।

सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग कालेजों से 15 प्रोफेसरों को संचालनालय और मंत्रालय के विभाग में पदस्थ कर दिया है। इससे संचालनालय और मंत्रालय में प्रोफेसरों की भीड़ दिखने लगी है। क्योंकि यहां पदों से ज्यादा ओएसडी नियुक्त कर दिए गए हैं। विभाग में करीब 14 ओएसडी के ही पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में करीब दो दर्जन ओएसडी कार्यरत थे। इसके बाद एसीएस सिंह ने 15 प्रोफेसरों को और अटैच कर दिया है। इससे उनकी संख्या करीब 40 पहुंच गई है, जबकि विभाग के एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक प्रदेश के सभी विवि को मार्च में अपनी परीक्षाएं शुरू कराना है। उक्त प्रोफेसर विवि की परीक्षाओं में अपनी अहम भागीदारी निभाते हैं। इसके बाद भी विभाग ने उन्हें संचालनालय और विभाग में अटैच कर दिया है, इससे विद्यार्थियों की कक्षाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

भोपाल से राकेश श्रीवास्तव एमव्हीएम, बीके चौरसिया लॉ कॉलेज, रीचा पारख लॉ कॉलेज, सुदीप साकेत दतिया, आदित्य गर्ग सिवनी, कैलाश कुम्हारे विदिशा, अर्जुन गोरे धरमपुरी, विजय बौद्ध गुना, रामकुमार यादव टीकमगढ, तुलसीराम दहायत दमोह, रामकुमार गोस्वामी सागर, अविनाश प्रताप सिंह जबलपुर, नीजर मालवीय टिमरनी, नम्रता त्रिपाठी राजगढ़, रंजना मिश्रा जबलपुर।

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