मध्य प्रदेशराज्य

भोपाल में आकार लेंगे 3 बड़े संस्थान वायरस से लेकर होगी फॉरेंसिक जांच

भोपाल : राजधानी में आने वाले समय में कई बड़े संस्थान आकार ले लेंगे। इन संस्थाओं को जमीन देने की प्रक्रिया या तो पूरी कर ली गई है या चल रही है। इन संस्थाओं के आकार लेने से फॉरेंसिक साइंस, मेडिको लीगल, साइबर सिक्योरिटी, वायरस की जांच आसान हो सकेगी। अफसरों को दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही कम समय में सटीक रिपोर्ट मिल सकेगी। दरअसल, भोपाल में तीन बड़े संस्थानों नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एवं पैरामेडिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और एनसीडीसी सेंटर को जमीनें आवंटन करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें नेशनल फॉरेंसिक लैब को बरखेड़ा बोंदर में 15 एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया गया था, लेकिन बाद में अतिरिक्त 12 एकड़ जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल का रीजनल सेंटर: वायरस की पहचान कर हालात को कंट्रोल करने के लिए भोपाल में एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) देश का पहला रीजनल सेंटर भोपाल में बनाएगी।

भोपाल के ग्राम बरखेड़ा बोंदर में करीब 27 एकड़ जमीन पर देश की प्रसिद्ध नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जाएगा। शासन द्वारा पूर्व में 15 एकड़ जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए दी गई थी। 22 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के बाद 12 एकड़ अतिरिक्त जमीन के लिए फिर से प्रशासन ने प्रस्ताव भेजा है। इसके बनने से मप्र फारेंसिक मामलों की जांच के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश में फॉरेंसिक के विशेषज्ञ होने से यहां गंभीर मामलों की जांच हो जाएगी।

कोलार क्षेत्र में देहरी कला ग्राम में एम्स की तरफ से इंटीग्रेटेड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एवं पैरामेडिकल ट्रेनिंग सेंटर शुरू करने की तैयारी है। 8 एकड़ जमीन में यह संस्थान बनाया जाएगा। इस संस्थान को शुरू करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह एम्स के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से किया था।

Related Articles

Back to top button