पूरे लखनऊ में दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, मास्टर प्लान तैयार
मास्टर प्लान के तहत नार्थ-साउथ कॉरिडोर के बाद साल 2021 से लेकर साल 2041 के बीच अलग-अलग रूट पर मेट्रो दौड़ाने की योजना बनाई गई है। जिसके बाद शहर के अधिकांश बड़े हिस्सों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। लगभग सभी चौड़ी सड़कों पर मेट्रो दौड़ने लगेगी।
अमौसी से मुंशी पुलिया और चारबाग से बसंत कुंज के 39 किलोमीटर के अतिरिक्त शहर में कुल 101 किलोमीटर मेट्रो दौड़ने की प्लानिंग एलएमआरसी कर रहा है।
जिसमें बंदरियाबाग, सीजी सिटी, राजाजीपुरम, इंदिरा नगर, अलीगंज से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय तक को मेट्रो परियोजना में जोड़ा जाएगा। यानी कुल 140 किमी. मेट्रो 2041 तक दौड़ाई जाएगी। यह पूरा प्लान डीएमआरसी के सहयोग से तैयार किया गया है।
फेज-3 सचिवालय से सीजी सिटी 13.06 किमी. ये 2031 तक खत्म होगा। इसके बाद में फेज-4 सीजी सिटी से ट्रांसपोर्ट नगर के बीच होगा। इस तरह से पूरा शहर धीरे=धीरे मुख्य मार्गों पर मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
अमौसी से मवइया तक पूरा कानपुर रोड, सुल्तानपुर रोड, शहीद पथ, हजरतगंज, राजाजीपुरम, रायबरेली रोड, वीआईपी रोड, यूनिवर्सिटी, कैंट एरिया, विक्टोरिया स्ट्रीट, राजाजीपुरम, बुलाकी अड्डा, मिल रोड, रिंग रोड, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, इंदिरा नगर, गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, चौक, हरदोई रेड, ठाकुरगंज, नैपियर रोड कॉलोनी, बालागंज, बसंतकुंज, बादशाह नगर ये सारे इलाके एक-एक कर के मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।
अमौसी से मुंशीपुलिया–23 किमी.
टीपी नगर से चारबाग–08 किमी. (दिसंबर-2016 तक)
चारबाग से मुंशीपुलिया–14 किमी.
टीपी नगर से अमौसी–01 किमी.
मेट्रो फेज-1 बी–साल 2021 तक
चारबाग से बसंतकुंज–16 किमी.
मेट्रो फेज-2-ए–साल-2021 तक
इंदिरा नगर से सिंगारनगर–30.65 किमी.
मुंशीपुलिया से अलीगंज–07.11 किमी.
हजरतगंज से सीजी सिटी–11.20 किमी.
बंदरियाबाग से वृंदावन योजना–07.66 किमी.
दुर्गापुरी से राजाजीपुरम–07.53 किमी.
मेडिकल चौराहा से एलयू–09.88 किमी.
मेट्रो फेज-2-बी–साल 2026 तक
चारबाग से एसजीपीजीआई–10.80 किमी.
इंदिरा नगर से सीजी सिटी–07.68 किमी.
सुल्तानपुर गांव से राजाजीपुरम–13.62 किमी.
मेट्रो फेज 3–साल 2031 तक
सचिवालय से सीजी सिटी–13.62 किमी.
मेट्रो फेज 4–साल 2041 तक
सीजी सिटी से ट्रांसपोर्ट नगर–19.29 किमी.
इस पर एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का कहना है कि यह महायोजना है। हमने इसे डीएमआरसी के सहयोग से बनाया है। जिसमें शहर का प्रत्येक हिस्सा मेट्रो को छुएगा। अधिसंख्य नागरिकों को इससे लाभ मिलेगा। शहर में केवल 23 किमी. या 39 किमी. मेट्रो चलाने से काम नहीं चलेगा। ऑड-ईवेन जैसे नियमों से बचाने के लिए हमको अभी से योजना तो बनानी ही पड़ेगी।