
नई दिल्ली: दुनिया भर के कई देशों में कोरोना वायरस (Covid-19) के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। कोरोना केस बढ़ने के कारण एक बार फिर ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कोरोना जैविक युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है ? कोरोना संक्रमण बढ़ने के बीच शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड -19 को जैविक युद्ध का हथियार है, साबित करने के लिए और सबूतों की जरूरत है।
पर्याप्त सबूत नहीं
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. संजय राय ने कहा, “इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोविड-19 एक जैव हथियार युद्ध रणनीति हो सकती है, लेकिन पर्याप्त सबूत या रिपोर्ट की कमी है। समाचार एजेंसी एएनआई से एम्स के डॉक्टर संजय ने कहा, कोरोना को जैविक हथियार मानने से से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन हमारे पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
चीन के वुहान शहर का सच
डॉ राय ने कहा कि COVID-19 एक ऐसा मुद्दा है जिस पर गहराई से चर्चा करने की जरूरत है, क्योंकि अभी भी पुष्टि नहीं हुई है कि यह वायरस प्रयोगशाला में विकसित किया गया या प्राकृतिक उत्पत्ति है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में इकोहेल्थ एलायंस के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ एंड्रयू हफ ने अपनी पुस्तक “द ट्रुथ अबाउट वुहान” में दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन में खतरनाक जेनेटिक इंजीनियरिंग का नतीजा है जिसे अमेरिका ने वित्त पोषित किया था।
वेरिएंट वैक्सीन को भी बायपास कर सकते हैं
भारत में कोविड-19 की एक और लहर के खतरे पर डॉ संजय राय ने कहा, “हमारे पास पिछले तीन वर्षों में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि जो लोग कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके हैं, वे सबसे सुरक्षित व्यक्ति हैं। ठीक हो चुके लोगों और कोरोना के सभी वेरिएंट की निगरानी करना महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट वैक्सीन को भी बायपास कर सकते हैं। वायरस प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी चकमा दे सकते हैं। ऐसे में हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
कोरोना वायरस के वेरिएंट बदलने पर चिंता
बकौल डॉक्टर संजय राय, सरकार निगरानी कर रही है, लेकिन कोरोना वायरस के वेरिएंट बदलने पर हमें समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वायरस की विशेषता की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा, “इसकी बहुत कम संभावना है कि मौजूदा परिदृश्य में लोगों को किसी तरह की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा।”
एयरपोर्ट पर यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग
बता दें कि अमेरिका, चीन, ब्राजील और दक्षिण कोरिया में COVID-19 संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल देखा गया है। भारत में भी एहतियात के तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में महामारी की स्थिति की समीक्षा की है। बुधवार से देश भर के हवाईअड्डों पर कोविड-19 के लिए अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से आने वाले यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग फिर से शुरू कर दी गई है।
सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश में कोविड-19 की स्थिति और कोविड-19 की निगरानी, रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित कर कहा कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश भी दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और टीका लगवाने का आग्रह भी किया।