नई दिल्ली : खासी पोशाक पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता और पूर्व सांसद कीर्ति आज़ाद की कथित अपमानजनक टिप्पणी ने पूर्वोत्तर में विवाद खड़ा कर दिया है। कम से कम तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसकी निंदा की है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर ने कहा है कि वह पोशाक का अपमान नहीं कर रहे थे बल्कि प्रधानमंत्री के ‘फैशन स्टेटमेंट’ पर टिप्पणी कर रहे थे।
कीर्ति आज़ाद ने अपने ट्विटर पेज पर 18 दिसंबर को शिलांग में एक जनसभा के दौरान पारंपरिक खासी पोशाक ‘जिमफोंग’ पहने मोदी की और उसी तरह की पोशाक पहने एक महिला की तस्वीरें साझा की थी। साथ में दो पंक्तियां हिंदी में लिखी थी जिससे विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट को हटा दिया था। मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने आजाद की टिप्पणी की निंदा की और माफी की मांग की, जबकि राज्य के टीएमसी नेताओं से संपर्क नहीं हो सका।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने यहां एक कार्यक्रम के इतर पीटीआई से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि टीएमसी नेता को ऐसा बयान देना पड़ा। यह हमारे राज्य के लोगों, खासकर खासी लोगों के लिए बहुत अपमानजनक था। यह एक असंवेदनशील बयान था और संबंधित राजनीतिक दल को हमारे लोगों और संस्कृति का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी विवादित ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मॉवरी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पहनी गई पोशाक का मजाक उड़ाना बहुत दुखद है। प्रधानमंत्री जब भी हमारे राज्य का दौरा करते हैं तो पारंपरिक पोशाक का सम्मान करते हैं और उसे गर्व से पहनते हैं।”
पड़ोसी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, “यह देखकर दुख होता है कि कीर्ति आज़ाद मेघालय की संस्कृति का अनादर कर रहे हैं और हमारे आदिवासी पहनावे का मज़ाक उड़ा रहे हैं। टीएमसी को तत्काल स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे उनके विचारों का समर्थन करती हैं। उनकी चुप्पी मौन समर्थन के समान होगी और लोग उन्हें क्षमा नहीं करेंगे।” अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी आजाद के ट्वीट की निंदा की।
कीर्ति आज़ाद ने ट्वीट किया, “मैंने पोशाक का अनादर नहीं किया है। मैं इसे पसंद करता हूं। मैं यह व्यक्त करने की कोशिश कर रहा हूं कि हमारे प्रधानमंत्री फैशन स्टेटमेंट बनना पसंद करते हैं। कभी कोई मौका नहीं चूकते।”