देवरी घड़ियाल केंद्र में पल रहे 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा
मुरैना : चंबल निदी में घडिय़ालों (ghadiyaalon) का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे विशेष प्रयासों का ही नतीजा है कि देश में सबसे अधिक घडिय़ाल (ghadiyaalon) चंबल नदी में है। चंबल में विचरण कर रहे घडिय़ालों की संख्या में गुरुवार को उस समय और बढ़ोतरी हो गई जब अधिकारियों ने तीस घडिय़ाल चंबल में छोड़े।
यहां बता दें कि देवरी घडियाल केन्द्र में पाले गए 2020 बैच के 200 घडियालों में से 30 घडियाल चंबल नदी के किनारे डांग बसई क्षेत्र से नदी में छोड़ दिए हैं। देवरी घडियाल केंद्र में पल रहे घडियालों को पेटियों में बंद करने के बाद सुरक्षित डांग बसई क्षेत्र में ले जाया गया। वहां पर वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में चंबल नदी में घडिय़ाल छोड़े गए। चम्बल नदी में छोड़े गए घडियालो में 9 नर एवं 21 मादा शामिल हैं।
आगामी दिनों में 50 घडिय़ाल श्योपुर के कूनों के पास चंबल नदी और 120 घडियाल मुरैना-धौलपुर के बीच चंबल नदी के राजघाट के आसपास छोड़े जाएंगे। उल्लेखनीय है कि देवरी घडियाल केन्द्र पर वर्तमान में 350 घडियाल पल रहे हैं। इनमें से ऐसे घडियाल जिनको ढाई से तीन साल हो गए हैं और उनकी लंबाई 120 सेमी. की हो चुकी है, उन्हें चंबल नदी में छोडऩे की तैयारी कर ली गई है। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार सौ से अधिक घडिय़ाल छोड़े जा रहे हैं।