अन्तर्राष्ट्रीय

कंगाल पाक को करारा झटका, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नहीं दिया मिलने का टाइम

न्यूयॉर्क: पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपनी हालिया वॉशिंगटन यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करने में विफल रहे। दोनों की केवल फोन पर बात हुई। उन्होंने अपनी तीन दिवसीय यात्रा के समापन पर राज्य के उप सचिव वेंडी शर्मन के साथ एक मुलाकात की। बिलावाल के साथ शर्मन की बैठक के पहले ब्लिंकेन ने विदेश विभाग में पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवानी से मुलाकात की। बिलावल ने देश में आई विनाशकारी बाढ़ का हवाला देते हुए दुनिया से कंगाल पाकिस्‍तान को आर्थिक मदद देने की मांगी की।

जिस दिन ब्लिंकन ने बिलावल से फोन पर बात की, विदेश विभाग के सार्वजनिक कार्यक्रम में ब्लिंकन के लिए किसी बैठक की सूची नहीं थी, लेकिन कहा गया कि वह विभाग में बैठकों और ब्रीफिंग में शामिल होंगे। विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के एक अनुसार,फोन पर हुई बातचीत मे शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने ‘आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के लिए अमेरिका के दृढ़ समर्थन को रेखांकित किया। एक सूत्र ने ब्लिंकेन के बिलावल की निजी मुलाकात न होने को कोई खास महत्व नहीं दिया।

रूस के विरोध में पाकिस्तान ने मतदान में भाग नहीं लिया

यह देखते हुए कि ब्लिंकन और पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने पांच बैठकें की हैं, सूत्र ने कहा, ‘इन चर्चाओं का प्रारूप महत्व के स्तर को इंगित नहीं करता है।’ प्राइस के बयान के मुताबिक अपनी बैठक में शर्मन और बिलावल ने ‘महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा तक पहुंच को और प्रतिबंधित करने के तालिबान के निर्णय की निंदा की। साथ-साथ अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के संबंध में तालिबान को अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के प्रयासों पर चर्चा की।’ रीडआउट में कहा गया है कि शर्मन ने वाशिंगटन के रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के समर्थन की बात कही।

यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान में भाग नहीं लिया। रीडआउट में कहा गया है कि ‘आर्थिक, ऊर्जा और पर्यावरण सहयोग’ भी उनकी बातचीत में शामिल रही। केबल चैनल एमएसएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में बिलावल ने कहा कि अमेरिका और उनके देश के बीच बातचीत में नाटकीय बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि उनके बीच 90 फीसदी बातचीत आतंकवाद पर होती थी, लेकिन अब यह 90 फीसदी ‘आर्थिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों’ पर होने लगी है। बिलावल आखिरी बार सितंबर में ब्लिंकेन से मिले थे।

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले किए

बयान के मुताबिक ब्लिंकेन ने उस बैठक में कहा था, ‘हम 75 वर्षों में पाकिस्तान के साथ चले आ रहे सहयोग को महत्व देते हैं और हम नए साल में भी घनिष्ठ सहयोग जारी रखने की उम्मीद करते हैं।’ बता दें कि वाशिंगटन जाने से पहले बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र में एक संवाददाता सम्मेलन में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले किए थे। इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का केंद्र’ बताया था। सोमवार को अपने दैनिक समाचार ब्रीफिंग में इस बारे में पूछे जाने पर प्राइस ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध की जगह रचनात्मक संवाद चाहता है।

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