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पाकिस्‍तान में धरपकड़ लेकिन भारत के सबूतों को नकारा, इंटरपोल की मदद लेगी मोदी सरकार

100185-ptkनई दिल्‍ली : पंजाब के पठानकोट वायुसेना अड्डे पर बीते हफ्ते आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान ने शुरुआती रिपोर्ट भारत को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में पाकिस्‍तान ने भारत की ओर से दिए गए सबूतों को नकार दिया है। गौर हो कि भारतीय वायुसेना अड्डे पर हुए हमले के तार कथित तौर पर पाकिस्तान से जुड़े होने के मामले पर अपनी प्राथमिक रिपोर्ट भारत को सौंप दी है। एक न्‍यूज रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने कहा है कि भारत ने जो फोन नंबर दिए थे, वे पाकिस्तान में पंजीकृत नहीं हैं।

उधर, आतंकी हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम इंटरपोल से मदद लेगी। एनआईए इंटरपोल के ब्लैक कॉर्नर नोटिस हासिल करने की कोशिश करने में लगी है ताकि सुरक्षाबलों के जवाबी कार्रवाई में मारे गए आतंकियों के बारे में जानकारी मिल सके। एनआईए को एयर बेस के अंदर मुठभेड़ वाली जगह से मोबाइल फोन, दूरबीन और एके 47 राइफल की एक मैगजीन मिली है। इस बीच पता चला है कि भारत सरकार ने जो सबूत दिए थे उसके आधार पर पाकिस्तान में कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है। पाकिस्‍तानी पीएम नवाज शरीफ ने आईबी, आईएसआई, मिलिट्री इंटेलिजेंस, एफआईए और पुलिस की एक संयुक्त जांच टीम बनाने का आदेश दिया है। यह जांच टीम पठानकोट हमले के पाक से जुड़े तारों की सघन जांच करेगी।
पठानकोट हमले से जुड़े कथित पाकिस्तानी तार की जांच के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एक रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया, सूत्रों के अनुसार, भारतीय प्रशासन को जांच रपट सौंप दी गई है। इसमें कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने आतंकवादियों और उनके आकाओं तथा परिवारिक सदस्यों के बीच पठानकोट वायुसेना अड्डे से टेलीफोन पर हुई बातचीत के ब्योरे पाकिस्तान को मुहैया कराए हैं। भारत ने वे टेलीफोन नंबर भी उपलब्ध कराए हैं, जिन पर आतंकवादियों ने काल की थीं। भारत का कहना है पंजाब में घुस कर दो जनवरी को भारतीय वायुसेना अड्डे पर जिन आतंकवादियों ने हमला किया था, वे प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध थे। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए टेलीफोन नंबर पाकिस्तान में पंजीकृत नहीं हैं। यह भी कहा गया है कि जांच एजेंसियां पठानकोट के हमलावरों से संबंधित जानकारियों की आगे जांच कर रही हैं।

इससे पहले, यह खबर आई थी कि पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमले से जुड़े ‘कुछ संदिग्धों’ को सुरक्षा एजेंसियों ने बहावलपुर जिले से गिरफ्तार किया है। यह जिला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का गृह नगर है। पाकिस्तानी खबरिया चैनल के अनुसार, इस सिलसिले में ‘कुछ गिरफ्तारियां’ हुई हैं लेकिन पुलिस ने पठानकोट हमले के सिलसिले में कोई पुष्टि नहीं की। चैनल ने खबर दी, पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हमले के सिलसिले में भारत की तरफ से मुहैया कराए गए साक्ष्यों के आधार पर खुफिया एजेंसियों ने बहावलपुर से कुछ संदिग्धों को उठाया है और पूछताछ के लिए उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गई है। रीजनल पुलिस ऑफिसर (आरपीओ बहावलपुर) अहसान सिद्दिकी ने कहा कि पठानकोट हमले से जुड़ी किसी गिरफ्तारी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पठानकोट घटना से जुड़ी किसी गिरफ्तारी के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। इस्लामाबाद में खुफिया अधिकारियों ने दावा किया कि गुजरांवाला, झेलम और बहावलपुर जिले में छापेमारी की गई और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया।

गौर हो कि भारत ने हमले के सरगना के रूप में मसूद अजहर की पहचान की है। भारत ने उसके भाई रउफ और पांच अन्य पर हमला करने का आरोप लगाया। दो जनवरी को हुए हमले में सभी छह आतंकवादी मारे गए थे और सात भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इसने वायुसेना अड्डे के हमलावरों द्वारा पाकिस्तान में जिन नंबर पर फोन किया गया वह नंबर और अन्य जानकारियां मुहैया कराई हैं। भारत ने इस्लामाबाद से कहा कि अगर वह 15 जनवरी को विदेश सचिव स्तर की वार्ता होने देना चाहता है तो वह इस सूचना के आधार पर कार्रवाई करे। वहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता ‘समय पर होगी’ क्योंकि ‘पाकिस्तान पठानकोट घटना की जांच कर रहा है।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के औचक लाहौर दौरे के एक हफ्ते बाद ही वायुसेना अड्डे पर हमला हो गया था।

गौर हो कि पठानकोट बेस पर हुए आतंकी हमले से एक बार फिर भारत और पाक के बीच रिश्ते तल्ख हो गए हैं। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए जबकि जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकी मारे गए।

 

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