उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य, सरकारी वाहनों को मिली छूट का ऐसे उठा रहे फायदा
गोरखपुर : एक दिसंबर से हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट अनिवार्य किए जाने के बाद पुरानी नंबर प्लेट लगाकर चलने वाले निजी वाहनों के तो खूब चालान हो रहे हैं लेकिन सरकारी वाहनों को इससे छूट मिली हुई है। इनका न तो चालान हो रहा है न ही इन्हें कोई टोक रहा है। नो-पार्किंग में खड़े वाहनों को उठाकर यार्ड में खड़ा करने वाले वाहन लिफ्टर, कई सरकारी वाहन और पुलिस की 112 नम्बर की गाड़ियां बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही धड़ल्ले से दौड़ रही हैं।
जब विभिन्न सरकारी दफ्तरों की सरकारी गाड़ियों यहां तक कि नगर-निगम के वाहन लिफ्टर जिन्हें यातायात व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है की नंबर प्लेट की पड़ताल की तो अधिकतर में बेहद पुरानी नम्बर प्लेट लगी नजर आई। कुछ पर तो नंबर भी आधे-अधूरे नजर आ रहे थे लेकिन आमजन के वाहनों के चालान काटने वाले आरटीओ की नजर इन पर नहीं पड़ रही है। एआरटीओ प्रर्वतन संजय कुमार झा का कहना है कि वाहन सरकारी हो या निजी, अगर हाई सिक्योरिटी प्लेट नहीं है तो चालान होगा।
यातायात और परिवहन विभाग ने अब हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाने की हिदायत देने के साथ ही 5000 रुपये तक चालान भी शुरू कर दिया है। विभाग ने जनवरी से अब तक 7101 ऐसे वाहनों का चालान किया है जिन पर या तो नम्बर प्लेट से छेड़छाड़ की गई थी या फिर हाई सिक्योरिटी प्लेट नहीं लगी थी। नम्बर प्लेट को लेकर 8.11 लाख जुर्माना वसूला जा चुका है।
जनदप में कुल 56,408 ट्रांसपोर्ट वाहन पंजीकृत हैं। वहीं 11 लाख 28,208 नॉन ट्रांसपोर्ट वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इन सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जानी थी। फिलहाल 45 फीसदी वाहनों पर ही एचएसआरपी लगाई गई है। करीब 6,50,644 वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अभी लगाई जानी है।