सर्बिया-कोसोवो के बीच छिड़ सकता है युद्ध, अमेरिका-ईयू ने तनाव कम करने की अपील की
वाशिंगटन : सर्बिया और कोसोवो के बीच कई महीनों से चल रहे तनाव के युद्ध में बदलने की संभावना है। दोनों सेनाएं सीमा पर आमने सामने आ गई हैं। सर्बिया ने कोसोवो के साथ लगी सीमा पर अपनी सेना को अलर्ट रहने को कह दिया है। वहीं कोसोवो ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं वह भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। तनाव की स्थिति को देखते हुए यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने तनाव को कम करने का आग्रह किया।
यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को कोसोवो और सर्बिया से अपने सीमा क्षेत्र में बढ़ती अशांति के बीच तनाव कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा कि यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका कोसोवो के उत्तर में जारी तनावपूर्ण स्थिति के बारे में चिंतित हैं।
कोसोवो ने अपने उत्तरी पड़ोसी सर्बिया के साथ अपनी सबसे बड़ी सीमा को बंद कर दिया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। यूएस-ईयू ने कहा कि हम सभी से अधिकतम संयम बरतने, बिना शर्त स्थिति को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने और उकसावे, धमकियों या डराने-धमकाने से बचने का आह्वान करते हैं।
यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कहा कि हम सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक और कोसोवो के प्रधानमंत्री अल्बिन कुर्ती के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच राजनीतिक समाधान निकल सके। बता दें कि उत्तरी कोसोवो में जातीय रूप से विभाजित शहर मित्रोविका में सर्बों ने 10 दिसंबर को नए बैरिकेड्स लगा दिए और दो सीमा पर यातायात को प्रभावी ढंग से बंद कर दिया।
मंगलवार की देर रात, सर्बियाई सीमा पर दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करते हुए मेरडारे की ओर जाने वाले यातायात को रोक दिया, जो पड़ोसियों के बीच सबसे बड़ा क्रॉसिंग है। वहीं यह एक ऐसा कदम है जिसके बाद कोसोवो पुलिस ने बुधवार को प्रवेश बिंदु को बंद कर दिया।
यूरोपीय संघ और अमेरिका ने कहा कि कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए, और किसी भी प्रकार की हिंसा अस्वीकार्य है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगाआगे कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कोसोवो और सर्बिया अपने नागरिकों के लाभ के लिए सुलह, क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए साथ आएंगे।
वर्ष 2008 में कोसोवो, सर्बिया से आजाद हुआ था। तभी से दोनों देशों के बीच तनाव चला आ रहा है। 25 दिसंबर को दोनों देशों ने एक दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया। कोसोवो ने कहा कि पहली फायरिंग सर्बिया की तरफ से हुई। वहीं सर्बिया ने आरोप लगाया कि सबसे पहले फायरिंग कोसोवो में तैनात कोसोवो में नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय शांति सेना (KFOR) की तरफ से की गई। इसके बाद दोनों देशों के बीच पिछले 10 महीने से जारी तनाव और भड़क गया। केएफओआर ने इस फायरिंग की घटना को लेकर कहा कि वह इस मामले की पूरी जांच कर रहा है।