जंगल में लकड़ी बीनने गए 4 लड़कों को वाचर ने दौड़ाया, दहशत में 11 किलोमीटर पैदल चलकर सुजौली से बिछिया पहुंचे छोटे-छोटे बच्चे
बहराइच: बहराइच जनपद के उत्तर सीमा पर तराई क्षेत्र में इन दिनों कड़ाके की ठंड और शीतलहर से बचने के लिए इन दिनों गांव के लोग अपने समीपवर्ती जंगल की जलौनी लकड़ी पर निर्भर हैं। बच्चे बूढ़े तथा महिलाएं ठंड से बचने के लिए सूखी लकड़ियों की तलाश में घूमते रहते हैं इसी तरह सुजौली के जंगल में लकड़ी बीन रहे 12 वर्ष से छोटे 4 बच्चों को वन विभाग के वाचर ने दौड़ाया और जेल भेज देने की बात कही तो बच्चों ने भागना शुरू किया और रास्ता भटक कर जंगल के रास्ते बिछिया पहुंच गए।
यहां पर गांव वालों ने उन्हें संदिग्ध हालत में घूमते हुए देखा तो इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी को दी, उन्होंने बच्चों को नाश्ता कराने के बाद उन्हें साहस बंधाते हुए उनसे पूरी बात पूछी। बच्चों के भागने का सच सुनकर सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए। बच्चों ने अपना नाम और पता बताया तो पता चला कि सुजौली ग्राम पंचायत के मूंजवा टिलवा मजरे के रहने वाले हैं। यह बच्चे सुबह से भूखे प्यासे भटक रहे हैं।
चाय नाश्ता करवाने के बाद बच्चों को ग्राम प्रधान सुजौली राजेश कुमार गुप्ता को बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया। ग्राम प्रधान राजेश गुप्ता बच्चों को लेकर उनके माता-पिता से मिलवाने के लिए देर रात उनके घर पहुंच चुके हैं। इस अवसर पर समाजसेवी सरोज कुमार गुप्ता समीउद्दीन खान मोनिस जमील अंसारी संदीप सिंह विकास गुप्ता फहीम अंसारी मोहम्मद सगीर आदि लोग मौजूद रहे।