नई दिल्ली: Joshimath Crisis: भू-धंसाव (Land Subsidence) झेल रहे जोशीमठ में घरों पर पड़ने वाली दरारों पर अब फुल स्टॉप लगने वाला है।ड्रेनेज प्लान (Drainage Plan) के लिए टेंडर 16 जनवरी को होंगे। 12 किमी के बड़े नाले बनाए जाएंगे। कुछ जगह छोटे नाले-पाइप से भी पानी की निकासी होगी। ड्रेनेज प्लान के लिए आईआरआई, एनआईएच और सिंचाई विभाग की कमेटी भी बनेगी। सिंचाई अनुसंधान संस्थान-रुड़की (आईआरआई) जोशीमठ में ड्रेनेज की डीपीआर के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी के तौर पर काम कर रही है। जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान पर पिछले साल नवंबर से काम शुरू हो गया था। आईआरआई ने प्लान के लिए इक्सप्रेशन ऑफ इंटरस्ट (ईओआई) के लिए निविदा जारी की थी, लेकिन एक ही कंपनी इसमें आई। इसके बाद मामला अटक गया। फिर से ईओआई जारी किया गया। इस बार छह कंपनियां आई हैं। इनमें से चार कंपनियों को शार्ट लिस्ट किया गया है। ईओआई के बाद रिक्वेट फॉर प्रपोजल भेजा गया। इसका टेंडर सोलह जनवरी को खोला जाएगा। आरएसपी काम पहले 20 जनवरी के बाद होना था। इधर, आईआरआई के अधीक्षण अभियंता एसके साह ने बताया कि हम डीपीआर बनाने में सहयोग कर रहे हैं। जोशीमठ में पानी सही तरीके से निकलें। इसके लिए नाले बनाए जाएंगे।
4 1 minute read