टॉप न्यूज़राज्यराष्ट्रीय

राष्ट्रपति मुर्मू और उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शरद यादव के निधन पर जताया ‘शोक’

नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) के निधन पर शुक्रवार को शोक जताते हुए उन्हें संसद में वंचितों की आवाज उठाने वाला राष्ट्रीय नेता बताया। वरिष्ठ नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का बृहस्पतिवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। यादव 75 वर्ष के थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्री और एक पुत्र हैं। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक बयान में कहा गया है कि यादव को अचेत अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था।

राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद यादव के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले 70 के दशक के छात्र नेता शरद जी संसद में वंचितों की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवाज थे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहन संवेदनाएं हैं।” उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी शरद यादव के निधन पर शुक्रवार को शोक जताया और कहा कि वह एक लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक थे जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड स्थापित किए।

धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सांसद शरद यादव जी के असामयिक निधन से दुखी हूं। वह एक लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक थे जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में उच्च मानदंड स्थापित किए। उनके परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।”राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके आपसी मतभेदों के बावजूद कभी हमारे बीच किसी तरह की कड़वाहट नहीं रही। मधेपुरा लोकसभा चुनाव में यादव के साथ चुनावी लड़ाई में शामिल रहे प्रसाद ने सिंगापुर में एक अस्पताल से बृहस्पतिवार को एक वीडियो बयान जारी किया, जहां वह गुर्दा प्रतिरोपण ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।

शरद यादव को “बड़े भाई” के रूप में संदर्भित करते हुए, प्रसाद ने दिवंगत नेता के साथ अपने पुराने जुड़ाव को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने, दिवंगत मुलायम सिंह यादव के अलावा, नीतीश कुमार और मैंने समाजवाद की राजनीति राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर से सीखी है।” राजद सुप्रीमो ने कहा, ‘‘कई मौकों पर, शरद यादव और मैं एक-दूसरे के साथ लड़े। लेकिन हमारी असहमति ने कभी भी कड़वाहट पैदा नहीं की।” उन्होंने कहा, ‘‘अभी सिंगापुर में रात्रि के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला। बहुत बेबस महसूस कर रहा हूं। आने से पहले मुलाक़ात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में। शरद भाई…ऐसे अलविदा नहीं कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि!”।

Related Articles

Back to top button