स्वास्थ्य को हानि से बचाना है तो,इस दिशा में मुंह करके न करें भोजन
नई दिल्ली : भोजन का संबंध हमारे स्वास्थ्य से है. वास्तु शास्त्र में भोजन करने की सही दिशा क्या होनी चाहिए, इसके बारे में उल्लेख किया गया है. कहते हैं, आप कितना भी भरपूर मात्रा में भोजन कर लें. इसके बाद भी हमारे शरीर पर इसका असर नहीं पड़ता है. अगर आप भोजन गलत दिशा में बैठकर करेंगे, तो इसका असर आपके स्वास्थ्य पर बेहद गहरा पड़ेगा और आपको स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए बेहतर यही है कि सही दिशा में ही बेठकर भोजन करें, तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि हमें घर के किस दिशा में भोजन करना चाहिए, जिससे हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहे और मानसिक तनाव से मुक्ति मिले.
वास्तु के अनुसार, घर के पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना बेहद शुभ होता है. पूर्व दिशा में भोजन करने से रोग और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और दिमाग में स्थिरता आती है. पूर्व दिशा में भोजन करने से भोजन हमारे शरीर में अच्छी तरह लगता है. इससे आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और आयु में भी वृद्धि होती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, छात्रों को उत्तर दिशा में भोजन करना चाहिए. इससे विद्यार्थियों को पढ़ने में भी मन लगता है. अगर कोई छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो उसे भोजन के साथ-साथ पढ़ाई भी घर के उत्तर दिशा में ही करना चाहिए. इससे उनके करियर में बेहतर परिणाम देखने को मिलता है.
नौकरीपेशा लोगों को पश्चिम दिशा में बैठकर भोजन करना चाहिए. इसके अलावा जो लोग व्यवसाय स जुड़े हैं, इसके अलावा लेखन से जुड़े लोगों को भी पश्चिम दिशा में ही बैठकर भोजन करना चाहिए. इससे उनके करियर में शुभ परिणाम देखने को मिलता है. इससे आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी.
दक्षिण दिशा में भोजन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इससे आयु कम होती है और कई प्रकार के समस्याओं से घिरे रहते हैं. वहीं अगर आप समूह में बैठकर भोजन करते हैं, तो इस दिशा का असर खत्म हो जाता है.
भोजन का संबंध हमारे सेहत से होता है, इसलिए भोजन कक्ष की दिशा या डाइनिंग रुम की दिशा हमेशा पश्चिम होनी चाहिए. इससे रसोईघर पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता है. इस दिशा में भोजन से जुड़ी सभी आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं. अगर पश्चिम दिशा में डाइनिंग हाल बनवाना मुश्किल है तो आप उत्तर पूर्व दिशा में भी बनवा सकते हैं.