मुस्लिम देशों के लिए संकटमोचक बना सऊदी अरब, पाकिस्तान समेत इन मुल्कों की कर रहा मदद
नई दिल्ली : आर्थिक तंगी और महंगाई से त्रस्त पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब ने हाल ही में आर्थिक मदद की घोषणा की थी. सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में बताया है कि सऊदी अरब सिर्फ पाकिस्तान की ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की भी मदद कर रहा है.
स्विटजरलैंड के दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान भी शामिल हुए. दावोस में ही ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर देश को मदद करने के लिए सऊदी अरब एक बहुपक्षीय संस्थान के रूप में काम कर रहा है.
मोहम्मद अल-जादान ने कहा कि सऊदी अरब पाकिस्तान के अलावा तुर्की और मिस्र को भी सहायता प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि इन देशों में स्थिरता लाना बहुत जरूरी है. इसलिए हम इन देशों में भारी निवेश कर रहे हैं और निवेश के अवसरों की तलाश जारी रखेंगे.
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही कमी को देखते हुए सऊदी क्राउन मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब डेवलमेंट फंड से पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में सऊदी की जमा रकम को बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा था.
सऊदी अरब के वित्त मंत्री ने कहा, “उनका देश पाकिस्तान में 10 अरब डॉलर का निवेश करना चाहता है. पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा देने के लिए हमने दिसंबर 2022 में ही जमा राशि की अवधि बढ़ा दी है. सऊदी अरब अब राशि बढ़ाने की संभावना तलाश रहा है.”
इंटरव्यू के दौरान सऊदी अरब के वित्त मंत्री ने कहा कि सऊदी किंगडम विश्व बैंक और अन्य संस्थानों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा है कि पाकिस्तान को मदद करने के लिए और क्या किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब मिस्र को भी काफी मदद कर रहा है और हम इसे जारी रखेंगे. अनुदान और जमा माध्यम से ही नहीं, बल्कि निवेश के माध्यम से भी हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.
अन्य देशों के साथ व्यापार को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सऊदी अरब के वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने कहा कि जिस तरह से चीन और अमेरिका के साथ सऊदी अरब के रणनीतिक संबंध हैं. उसी तरह का संबंध हम यूरोप और अन्य देशों के साथ भी विकसित करना चाहते हैं, जो हमारे साथ काम करने के इच्छुक और सक्षम हैं.
कराची स्थित आरिफ हबीब लिमिटेड के रिसर्च हेड ताहिर अब्बास ने कहा है कि सऊदी अरब का यह कदम पाकिस्तान के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हालांकि उन्होंने कहा है कि सऊदी अरब ने यह निर्णय आईएमएफ के संभावित लोन कार्यक्रम की बहाली को देखते हुए लिया है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब पाकिस्तान में रिफाइनरी स्थापित करने के लिए निवेश कर रहा है. जिसके लिए पाकिस्तान सरकार को रिफाइनरी नीति को पूरा करने की जरूरत है.
पाकिस्तान पिछले काफी समय से आर्थिक संकटों से जूझ रहा है. पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ ने भी पाकिस्तान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाया. पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही का मंजर ऐसा था कि पाकिस्तान के एक तिहाई हिस्से में पानी ही पानी था. पाकिस्तान अभी भी पूरी तरह से बाढ़ से नहीं उबर पाया है.
रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण मिस्र की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान पहुंचा है. मिस्र में महंगाई का आलम यह है कि गरीबों को पेट भरने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.