यूपी के हर उपभोक्ता को मोबाइल पर मिलेंगी बिजली संबंधी सूचनाएं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का ऐलान
लखनऊ: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आगामी फरवरी माह से पूरे प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के केवाईसी प्राप्त करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में टेलीकॉम कंपनियों की तरह प्रदेश के सवा तीन करोड़ उपभोक्ताओं के टेलीफोन नंबर एकत्रित किए जाएंगे, जिससे उन्हें विद्युत संबंधी जानकारी, विद्युत बिल और विच्छेदन की सूचना समय पर दी जा सके। केवाईसी अभियान के साथ ही पूरे प्रदेश में लाइन हानियों को कम करने तथा विद्युत चोरी को रोकने के लिए भी प्रभावी अभियान चलाया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने बुधवार को शक्ति भवन में विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाइन हानिया ज्यादा होने से तथा विद्युत चोरी के कारण विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है। अभियान के दौरान शहर से लेकर गांव एवं कस्बों में ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर लिस्ट बनाई जाए, जहां पर ज्यादा लाइन हानियां और विद्युत चोरी हो रही है। प्रशासन की मदद से चोरी से बिजली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनके कनेक्शन भी काटे जाएं। ज्यादा लाइन हानि वाले फीडरों पर प्रभावी चेकिंग कराई जाय।
तीन मेसेज के बाद काटें कनेक्शन
शर्मा ने विद्युत उपभोक्ताओं को समय से सही बिल निर्गत कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कारपोरेशन एवं सभी डिस्कॉम का प्रमुख काम उपभोक्ताओं को बिजली देना है, न कि इसमें व्यवधान पैदा करना। इसलिए हर उपभोक्ता को टेलीकाम कंपनियों की तरह पूर्व में तीन एलर्ट मैसेज भेजें जाएं, उसके बाद भी बिल न जमा करने वाले लोगों का कनेक्शन काटा जाए। हमारा धर्म उपभोक्ता सेवा है, इसलिए उसका जरूर ध्यान रखा जाए। बैठक में कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद उपस्थित थे।
बिना शुल्क न करने दें खंभों का प्रयोग
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम जितनी बिजली देते हैं, उतना राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए भी प्रयास तेज किए जाएं। उन्होंने राजधानी लखनऊ में टेलीकॉम और केबल कंपनियों से वार्ताकर उनसे विभागीय इंफ्रास्ट्रक्चर के नियमानुसार शुल्क जमा कराने तथा तारों के मकड़जाल को व्यवस्थित कराने को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां अपना निर्धारित शुल्क न जमा करें, उन्हें विद्युत खंभों का उपयोग न करने दिया जाए।