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साल 2023 के लिए 106 पद्म पुरस्कारों की घोषणा, मुलायम सिंह यादव को मिला पद्म विभूषण

नई दिल्‍ली : साल 2023 के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 106 पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की सूची को मंजूरी दे दी है. इस लिस्ट में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री (Padma Shri) शामिल हैं. इस बार 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार प्राप्त करने वाले भी शामिल हैं. इन नामों के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ट्वीट कर सभी को बधाई दी.

74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों पाने वाली हस्तियों के नाम का ऐलान हुआ है. दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav), संगीतकार जाकिर हुसैन (Zakir hussain), दिवंगत दिलीप महालनोबिस (Dilip Mahalanobis), एस एम कृष्णा (S M Krishna), श्रीनिवस वर्धन (Srinivas Vardhan) और दिवंगत बालकृष्ण दोशी (Balkrishna Doshi) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा.

UPA सरकार में विदेश मंत्री रह चुके और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे. उन्हें लोक कार्यों के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का इसी साल अक्टूबर में निधन हुआ था. इन्हें भी लोक कार्यों के लिए पद्म विभूषण दिया जा रहा है.

वहीं, एसएल भयरप्पा, कुमार मंगलम बिड़ला, दीपक धर, वाणी जयराम, स्वामी चिन्ना जीयर, सुमन कल्याणपुर, कपिल कपूर, सुधा मूर्ति (सामाजिक कार्यकर्ता) और कमलेश डी पटेल को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा.

राकेश झुनझुनवाला, रवीना टंडन समेत 91 अन्य को पद्मश्री
राकेश झुनझुनवाला (मरणोपरांत), RRR फिल्म के संगीतकार एमएम कीरावनी, अभिनेत्री रवीना रवि टंडन पद्मश्री के 91 पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल से तालुक्क रखने वाले पूर्व डॉ दिलीप महालनोबिस को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया है. डॉ. दिलीप वही शख्स थे जिन्होंने ORS के फॉर्मूले की खोज की थी. उन्हें ये पुरस्कार मरणोपरांत दिया जा रहा है. साल 2022 में अक्टूबर महीने में ही उनका निधन हो गया था.

गौरतलब है कि पद्म पुरस्कार – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं. साल 1954 से ये पुरस्कार, हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं. कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के कई गुमनाम नायकों को यह सम्मान दिए जाते हैं.

इनके अलावा अंडमान के सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर रतन चंद्र कर को पद्म श्री से नवाजा जाएगा. वो जरावा जनजाति के साथ काम कर रहे हैं. यह जनजाति उत्तरी सेंटिनल से 48 किमी दूर एक द्वीप में रहती है. उन्हें मेडिसिन (चिकित्सक) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

इनके अलावा हीरा बाई लोबी को गुजरात में सिद्धि ट्राइब्स के बीच बच्चों के शिक्षा पर काम करने के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. साथ ही पिछले 50 वर्षों से वंचित लोगों का इलाज कर रहे मुनीश्वर चंदर डावर को चिकित्सा (सस्ती स्वास्थ्य सेवा) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

हेराका धर्म के संरक्षण और संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले दीमा हसाओ के नागा सामाजिक कार्यकर्ता रामकुइवांगबे न्यूमे को सामाजिक कार्य (संस्कृति) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. साथ ही गांधीवादी और पैय्यानूर के स्वतंत्रता सेनानी वी पी अप्पुकुट्टन पोडुवलम को सामाजिक कार्य (गांधीवादी) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

काकीनाडा स्थित सामाजिक कार्यकर्ता शंकुरथ्री चंद्रशेखर, जिन्होंने जरूरतमंद लोगों को मुफ्त चिकित्सा और शिक्षा सेवाएं प्रदान करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, उन्हें सामाजिक कार्य (सस्ती स्वास्थ्य सेवा) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

इरुला जनजाति के विशेषज्ञ सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञ वदिवेल गोपाल और मासी सदाइयां को सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानति किया जाएगा. ये लोग खतरनाक और जहरीले सांपों को पकड़ने में माहिर हैं.

98 वर्षीय तुला राम उप्रेती आत्मनिर्भर छोटे किसान हैं. उन्हें अन्य (कृषि) के क्षेत्र में पद्म श्री से नवाजा जाएगा. वे पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके जैविक खेती करते हैं. इनके अलावा अन्य (कृषि) के क्षेत्र में पद्म श्री प्राप्त करने के लिए ‘नौ-अनाज’ की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करते हुए मंडी के जैविक किसान नेकराम शर्मा को भी पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा.

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