नई दिल्ली : वैसे तो हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र पौधा माना जाता है और आमतौर पर हर घर में तुलसी (basil) की पूजा की जाती है। यहां तक कि आधुनिक रिसर्च में भी अब यह साबित हो चुका है कि तुलसी (basil) का पौधा स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है और कई असाध्य बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। यही कारण कि अब तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने मान लिया है क तुलसी एक आयुर्वेद औषधि है। WHO के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाता है।
बता दें कि कोलेस्ट्रॉल खून की नसों में पाया जाने वाला एक मोम की तरह पदार्थ होता है। वैसे तो इसका उत्पादन लीवर करता है, लेकिन यह आपके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों से भी बनता है। लगतार फैट से भरपूर चीजें खाने और किसी तरह की एक्सरसाइज नहीं करने से यह खून की नसों में जमा होता रहता है। इसका लेवल बढ़ने से ब्लड फ्लो थम सकता है या धीमा हो सकता है जिससे दिल के रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल कैसे कम करें? कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय कई हैं जिनमें फैट वाली चीजों को खाने से बचना और एक्सरसाइज करना शामिल है। हालांकि आप इसके लिए त कुछ जड़ी-बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिनमें एक तुलसी का पौधा है। तुलसी का पौधा आपको कहीं भी मिल सकता है और इसका यूज करने से आपको नसों में हमा गंदे कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं कैसे।
जर्नल ऑफ फंक्शनल फूड में प्रकाशित साल 2018 के एक अध्ययन पाया गया कि तुलसी का पौधा 40 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में चयापचय संबंधी विकारों को खत्म कर सकता है। अध्ययन में पाया गया कि तुलसी का सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।
भारत में तुलसी के पौधे को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की रानी माना जाता है। इसके औषधीय गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल सिर्फ दवाओं में नहीं बल्कि पुराने जमाने से कई रोगों का पारंपरिक इलाज करने के लिए भी किया जाता रहा है। तुलसी थोड़ी मसालेदार और कड़वी जड़ी-बूटी है जिसे आप कच्चा चबा सकते हैं या खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसका रस भी पी सकते हैं।
इसी अध्ययन में बताया गया है कि तुलसी के पत्ते सिर्फ कोलेस्ट्रॉल लेवल ही कम नहीं करते हैं बल्कि ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल भी कम करते हैं। अगर आप बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे हैं, तो आपको इसे कम करने या खत्म करने के लिए प्रति दिन कम से कम 1 ग्राम तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए।
एक अध्ययन में बताया गया है कि तुलसी के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स और टैनिन जैसे पॉलीफेनोल यौगिक पाए जाते हैं, जो टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर सकते हैं और फैट के ऑक्सीकरण को रोक सकते हैं, जोकि एथेरोस्क्लेरोसिस का सबसे बड़ा कारण है एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनी की दीवारों में और पर फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य गंदे पदार्थों का निर्माण होता है।