देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि’ का शुभारंभ करते हुए पुलिस अफसरों को ड्रग्स माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सुद्धोवाला स्थित जिला कारागार में गुरुवार को मिशन की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लेने की अपील की। सीएम ने कहा-कारागारों में ड्रग्स के आदी कैदी भी आते है, जिनकी देखभाल कारागार प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। इस क्रम में जिला कारागार, दून में सुभारती मेडिकल कॉलेज के सहयोग से ड्रग्स डी-एडिक्शन सेंटर शुरू किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि जेलों में निर्मित उत्पादों की आपूर्ति सरकारी कार्यालयों में कराई जा रही है।
कार्यक्रम में विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, आईजी जेल विमला गुंज्याल, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, सुभारती मेडिकल कॉलेज से डॉ. प्रशांत भटनागर, डॉ.तपस्या राजलक्ष्मी शाह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कैदियों को जल्द रिहाई मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार ने जेलों में बंद आजीवन कारावास के बंदियों की समयपूर्व रिहाई के लिए पारदर्शी स्थाई नीति बनायी है। जिससे 14 साल की सजा पूरी करने पर बंदी रिहाई का पात्र हो जाएगा। इस नीति के तहत 160 बंदियों की रिहाई पर विचार किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि पहले कैदी अपने परिजन की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार से वंचित रहते थे। इसके लिए आसान पैरोल व्यवस्था बनाई है।
इस मौके पर सीएम ने कारागार विभाग का नाम परिवर्तित करते हुये कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा और बंदी गृह का नाम बंदी सुधार गृह किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कारागार विभाग में अलग से करैक्शनल सर्विस विंग का गठन किया जाएगा। उन्होंने बंदी कल्याण कोष का गठन करते हुए कोष में एकमुश्त धनराशि एक करोड़ रुपये दिए जाने की भी घोषणा की। साथ ही बंदीरक्षक संवर्ग को एक हजार रुपये मासिक पौष्टिक आहार भत्ता के साथ ही वर्दी भत्ता भी देने की घोषणा की।