उत्तर प्रदेशलखनऊ

स्‍वच्‍छ भारत अभियान को झटका, बरेली के 90 घर टॉयलेट्स तोड़कर कर रहे हैं खुले में शौच

toiletsलखनऊ. उत्तर प्रदेश उत्तर-प्रदेश के गांवों में स्वच्छ भारत अभियान की पोल खुल रही है. यहां ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. यही वजह है कि बरेली के एक गांव में 90 परिवारों ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत घरों में बने टॉयलेट्स को तोड़ दिया और उसे स्टोर रूम में तब्‍दील कर दिया है. 

फिलहाल अधिकारियों ने इन परिवारों को नोटिस भेजा है लेकिन उनका मानना है कि बड़े स्तर पर ऐसे मामले अन्य गांवों और कस्बे में भी हो सकते हैं. जहां लोग सदियों से चली आ रही खुले में शौच की परम्परा को छोड़ने को तैयार नहीं है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, एक बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने टॉयलेट शीट को हटाकर उसे छोटे स्टोर रूम में तब्दील कर दिया है और पहले की तरह खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि गांवों के सभी घरों में टॉयलेट का निर्माण करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. सरकार ने यह दावा भी किया कि उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि गांवों में लाखों टॉयलेट्स का निर्माण करवाना है. लेकिन इस मामला से जो सच्चाई सामने आई उससे प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की पोल खुल रही है.

बरेली से जो यह मामला सामने आया है संभवतः अपनी तरह का पहला है लेकिन इस आशंका से इंकार भी नहीं किया जा सकता कि ऐसे मामले जौर भी हों सकते हैं जहां लोग स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने टॉयलेट्स का यूज शौच की बजाए अन्य कामों के लिए कर रहे हों.

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद स्वच्छ अभियान से जुड़ें लोगों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. यह चुनौती है लोगों की सदियों पुरानी मानसिकता को बदलने की.

 

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