पैसो के खातिर लाचार हुआ पाकिस्तान, IMF के शर्तो के सामने घुटना टेका, मानी हर बात
दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ (Pak PM Shehbaz Sharif) ने स्वीकार किया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 1.2 अरब डॉलर देने के लिए बहुत सख्त शर्तें रखी हैं। शरीफ ने कहा आईएमएफ ने जो शर्तें तय की हैं, वे हमारी उम्मीद से ज्यादा सख्त हैं, लेकिन क्या करें? हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। डॉलर के मुकाबले रुपया (Pakistani Currency) 274 हो गया है। शाहबाज शरीफ ने एक टीवी चैनल पर कहा मैं आपको ब्योरा नहीं बता सकता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति आपकी सोच से परे है। आईएमएफ (IMF) ने पैसो के लिए बहुत सख्त शर्तें लगाई हैं, लेकिन हमारे पास उन्हें स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आईएमएफ की टीम 31 जनवरी को इस्लामाबाद पहुंची और 9 फरवरी तक वहीं रहेगी।
महंगाई दोगुनी होकर 55% तक पहुंच जाएगी
आईएमएफ को कर्ज देने से पहले कई शर्तें पूरी करनी होती हैं। आईएमएफ ने बेहद सख्त शर्तें लगाई हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इन सभी शर्तों को पूरा करने की राजनीतिक गारंटी भी मांगी है। आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान सरकार (Pak Govt) बिजली और ईंधन के दाम 60% तक बढ़ाए। टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है। लिहाजा 9 फरवरी को आईएमएफ और शाहबाज सरकार के बीच बातचीत खत्म हो जाएगी और अगर सरकार इन शर्तों को मान लेती है तो यह तय माना जा रहा है कि महंगाई लगभग दोगुनी होकर 54 से 55 फीसदी तक पहुंच जाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो अगर महंगाई दोगुनी हुई तो लोग सड़कों पर उतर आएंगे और शाहबाज शरीफ की कुर्सी चली जाएगी।
वहीं दूसरी ओर इमरान खान उसी मौके का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि देश को इस दुर्दशा में लाने में सबसे बड़ा हाथ इमरान का है। उनके चार साल के कार्यकाल में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज दोगुना हो गया। सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी की बात यह है कि वर्तमान में लगभग 6,000 कंटेनर कराची बंदरगाह पर खड़े हैं। उन्हें उतारा नहीं जा सका क्योंकि बैंकों के पास डॉलर नहीं थे और भुगतान नहीं हो रहा था। पाकिस्तानी रुपया भी डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रहा है। गुरुवार को पाकिस्तानी करेंसी की कीमत डॉलर के मुकाबले 274 रुपए थी। पिछले साल यही रेट 127 रुपए था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ ने कहा है कि वह 1.2 अरब डॉलर तभी जारी करेगा जब पाकिस्तान सरकार अन्य शर्तों के साथ राजनीतिक गारंटी देगी। एक राजनीतिक गारंटी का सीधा सा मतलब है कि अगर कोई अन्य पार्टी, उदाहरण के लिए इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी (पीटीआई) सत्ता में आती है, तो वह किसी भी वादे से पीछे नहीं हटेगी। समस्या यह है कि इमरान किसी अन्य राजनीतिक दल द्वारा किए गए वादों को स्वीकार नहीं करेंगे। तो आईएमएफ क्या करेगा? इसलिए माना जा रहा है कि सरकार संसद में अध्यादेश लाकर इस शर्त को पूरा करेगी।