लखनऊ का नाम बदलने पर हुई सियासत तेज, केशव प्रसाद मौर्य बोले-सब जानते हैं पहले लखनपुर था लखनऊ
लखनऊ : यूपी में नाम बदलने की सियासत तेज हो गई है। प्रतापगढ़ से बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुर करने की मांग की। अब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि लखनऊ का एतिहासिक नाम लखनपुर है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने भी लखनऊ का नाम बदलने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा विदेशी पहचान को खत्म करके अगर उसके जगह स्वदेशी शान को बढ़या जा रहा है तो ये अच्छी बात है।
लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुर या लखनपुर करने की मांग पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से लखनऊ लखनपुर के नाम से ही जाना जाता है लेकिन अब ये लखनऊ के नाम से जाना जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सामने लक्ष्मण जी की दिव्य प्रतिमा स्थापित होगी।
इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चीफ ओमप्रकाश राजभर ने भी नाम बदलने की सियासी दांव चल दिया है। राजभर ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गाजीपुर का नाम ‘विश्वमित्रनगर’ करने की मांग की है। बता दें कि इसके पहले यूपी सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज, मुगलसराय का दीनदयाल नगर और फैजाबाद का अयोध्या कर चुकी है।
अब राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की चर्चा तेज हो चुकी है। बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि अब देश अमृत कालखंड में प्रवेश कर चुका है तो गुलामी और विलासिता के प्रतीक लखनऊ के नाम को परिवर्तित कर भारत के शानदार सांस्कृतिक विरासत, गौरव, समृद्धि, मर्यादा तथा पौरुष के प्रतीक लखनपुर या लक्ष्मणपुर करना चाहिए। इस पत्र को उन्होंने अपने टिवटर हैंडल पर पोस्ट किया है। इसके समर्थन में अब री-ट्वीट हो रहा है।
सांसद ने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे स्थानीय मान्यता के अनुसार त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने बतौर अयोध्या नरेश श्री लक्ष्मण जी को भेंट दिया था। उसी कारण उसका नाम लखनपुर और लक्ष्मणपुर रखा गया था। किंतु कालांतर में 18वीं सदी में नवाब आसफुद्दौला ने उसका नाम परिवर्तित कर लखनऊ कर दिया था। उसी परंपरा में लखनऊ चल रहा है।
आगे उन्होंने लिखा कि शानदार सांस्कृतिक विरासत के समृद्ध देश में आज हमारी भावी पीढ़ी को अमृत कालखंड में भी लखनऊ के नवाबों की विलासिता और निकम्मेपन की कहानियां सुनाकर उन्हें गुलामी का संकेत देना बिल्कुल ही अनुचित प्रतीत होता है। निकम्मेपन और विलासिता पूर्ण जीवन शैली के कारण ही लार्ड डलहौजी ने अवध का अधिग्रहण कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया था। नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली थी।
पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक ट्वीट से भी राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की अटकलें तेज हुई थीं। पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचे सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि शेषावतार भगवान लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत है। यह ट्वीट अमौसी एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए खींची गई तस्वीर के साथ पोस्ट किया गया था। इस ट्वीट के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि लखनऊ का नाम लक्ष्मण जी के नाम पर किया जा सकता है।