नेशनल लोक अदालत में होंगे बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण में समझौते
भोपाल : नेशनललोक अदालत 11 फरवरी को लगेगी। लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को आपसी समझौते से निराकृत किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के संबंध में बिजली कार्यालय से संपर्क करें।
विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा निर्णय लिया गया है कि धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत लंबित प्रकरण एवं ऐसे प्रकरण, जो न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं, के त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण, जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, के प्रिलिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं के प्रकरणों में सिविल दायित्व की 10 हजार रूपये तक की छूट दी जाएगी।
प्रि-लिटिगेशन स्तर पर – कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि 10 हजार रूपये तक के प्रकरणों पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर – कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि के रूपये 10 हजार रूपये तक के प्रकरणों पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
आवेदक को निर्धारित छूट के बाद शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में उपरोक्तानुसार दी जा रही छूट आकलित सिविल दायित्व 10 हजार रूपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल “लोक अदालत” 11 फरवरी 2023 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।