नई दिल्ली : ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को अनदेखा करती हैं। जिसके कारण कई बार वह गंभीर समस्या से घिर जाती हैं। महिलाओं में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर एक भयावय बीमारी है। महिलाओं को इसके बारे में शुरुआती दिनों में पता नहीं लग पाता है। लेकिन लंबे समय तक अगर इसका इलाज ना किया जाए तो मौत भी हो सकती है। इस बीमारी से कई महिलाओं की मौत हो चुकी है।
क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर: जब स्तन की कोशिकाओं में असामान्य और अनयंत्रित वृद्धि होने लगती है, यह कैंसर का बड़ा कारण बन जाता है। कोशिकाएं इकट्ठी होकर गांठ का रूप ले लेती हैं। जिसे कैंसर या ट्यूमर कहा जाता है। महिलाएं कई बार लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं। यदि किसी महिला को शरीर में होते कुछ बदलाव महसूस हों तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण: स्तन में कैंसर बनने से शुरुआती लक्षण निप्पल का लाल होना आदि होता है। यदि स्तन से खून आने लगे या स्तन में गांठ बनने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही स्तन के कैंसर में बांह के नीचे यानी कांख, गर्दन के नीचले हिस्से के आसपास गांठे बनने लगती हैं। इसके साथ ही स्तन में दर्द होना, सूजन आना कैंसर के बड़े लक्षण हो सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार
इन्वेसिव: इन्वेसिव ब्रेस्ट कैंसर वो है, जिसमें कैंसर स्तन डक्ट्स या ग्लैंड्स से शरीर के भाग में फैलता है। ये मिल्क डक्टस् में विकसित होने वाला कैंसर होता है।
इन्फ्लेमेटरी: कैंसर के इस प्रकार का इलाज होना मुशकिल हो जाता है। इन्फ्लेमेटरी कैंसर शरीर में अधिक तेजी से फैलने लगता है, जिससे मौत का खतरा बढ़ जाता है।
पेजेट्स डिजीज: ये ब्रेस्ट कैंसर निप्पल से शुरू होता है। इसमें महिलाओं को खुजली, दर्द या इंफेक्शन होने लगता है। यह कैंसर 5 फीसदी से भी कम महिलाओं को होता है।
नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक भारत में महिलाओं में कैंसर के करीब 14 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने का खतरा 30 साल की उम्र के अधिक की महिलाओं में होता है। जबकि इसका अधिक खतरा 50-60 साल की महिलाओं को होता है।
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी आदि का सहारा लिया जाता है. इलाज के लिए दवाई, ब्रेस्ट सर्जरी, एडवांस केस में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोनल इंजेक्शन आदि मरीज को दिए जाते हैं.
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय
अपना वजन कंट्रोल में रखें. मोटापे के कारण भी स्तन कैंसर होने की समस्या बढ़ जा सकती है.
एल्कोहल, स्मोकिंग आदि का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से बचें.
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या बर्थ कंट्रोल पिल ले रही हैं तो ब्रेस्ट कैंसर रिस्क के बारे में डॉक्टर से बात करें.