‘स्वामी प्रसाद न समाजवादी हैं और न ही सनातनी..’, श्री रामचरितमानस को लेकर सपा में दो फाड़
लखनऊ: हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के अपमानजनक बयान से समाजवादी पार्टी (सपा) के अंदर ही दो फाड़ हो गई है. अमेठी की गौरीगंज सदर सीट से सपा MLA राकेश प्रताप सिंह ने पार्टी के ही MLC स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की आलोचना की है. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि रामचरितमानस पर अपमानजनक बयान देना वाला न तो समाजवादी हो सकता है और न ही सनातनी हो सकता है.
उन्होंने कहा कि, धर्म और आस्थाओं को लेकर जो भी अभद्र बयानबाज़ी करेगा, मैं उसका विरोध करने के लिए सबसे पहले सीना तानकर खड़ा रहूंगा, चाहे वह कोई भी हो. राजनीति रहे न रहे, मैं MLA रहूं या न रहूं, मुझे टिकट मिले या न मिले, किन्तु मैं एक आम आदमी बनकर आपकी सेवा करता रहूंगा. सपा MLA राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि राम मनोहर लोहिया के आदर्शों पर चलने वाला शख्स ही असली समाजवादी हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि राम मनोहर लोहिया ने राम मेला का प्रस्ताव रखा था. बगैर कुछ सोचे समझे गलत बयानबाजी करना सनातन धर्म के लिए पीड़ादायक बात है. दरअसल, विगत 5 फरवरी को गौरीगंज के रणंजय इंटर कॉलेज मैदान पर श्रीराम कथा का आयोजन किया गया था. इसी रामकथा में पहुंचे गौरीगंज के सपा MLA राकेश प्रताप सिंह ने सनातन धर्म को लेकर अपनी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीराम पर की गई अपमानजनक टिप्पणी का कड़ा विरोध किया था.
सपा MLA राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि श्रीराम के चरित्र पर टिप्पणी करने वाला न तो सनातनी नहीं हो सकता और न ही समाजवादी. वह महज एक विचित्र प्राणी हो सकता है. जब भी कोई राम के चरित्र पर या धर्म के आस्थाओं पर कुठाराघात करने का कार्य करेगा, मैं उसके विरोध में सबसे पहले सीना तान कर खड़ा हो जाऊंगा. मेरा दुर्भाग्य है कि वह मेरी पार्टी का नेता है और मेरी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहा है. जिस व्यक्ति ने ऐसा कहा, उसे भगवान सद्बुद्धि दें.