तुर्की-सीरिया में विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही, अब तक 36,000 से ज्यादा मौतें
अंकारा. तुर्की और सीरिया में एक हफ्ते पहले आए विनाशकारी भूकंप से अब तक 36,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, एक लाख से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई शहर वीरान और कंक्रीट के मलबे में तब्दील हो गए है। ऐसे में मौत का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही तुर्की में हुई है। यहां अब तक 31,643 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 4,614 लोग मारे गए हैं। दोनों देशों कुल 36,257 मौतें हुई है। भूकंप में बेघर हुए हजारों लोग तंबुओं में खचाखच भरे हुए हैं और सोमवार को गर्म भोजन के लिए सड़कों पर कतार में नजर आए। वहीं, मलबे में अब भी दबे जीवित लोगों को निकालने के लिए तलाश अभियान अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है। भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुए अदियामान में चार साल की एक बच्ची को मलबे से बचावकर्मियों ने जीवित निकाला।
तुर्क कोयला खनिकों और विशेषज्ञों सहित हजारों की संख्या में स्थानीय तथा विदेशी दल खोजी श्वानों एवं थर्मल कैमरा की मदद से मलबे में जीवित फंसे लोगों को तलाश रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि रात का तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे चले जाने और कई इमारतों के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने के कारण अब मलबे में लोगों के जीवित बचे होने की संभावना घट गई है। भूकंप पीड़ित जेहरा कुरुकाफा ने कहा कि बेघरों के लिए पर्याप्त संख्या में तंबु नहीं पहुंचे हैं, जिसके चलते लोगों को उपलब्ध तंबुओं में ही शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है। तुर्क अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि 1,50,000 से अधिक भूकंप पीड़ितों को प्रभावित प्रांतों से बाहर ले जाया गया है।
तुर्की में भूकंप पीड़ितों को सरकार की ओर से पर्याप्त सहायता नहीं मिलने के कारण लोगों के बीच बढ़ता गुस्सा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की राजनीतिक समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो मई में पुनर्निर्वाचन के लिये चुनाव मैदान में होंगे। इस बीच, तुर्की में बचावकर्मियों ने सोमवार को 40 वर्षीय एक महिला को एक इमारत के मलबे से निकाला। उल्लेखनीय है कि छह फरवरी को दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंप आया था।
सोमवार को, बचावकर्मियों ने 40 वर्षीय एक महिला को तुर्की के गजियांतेप प्रांत में इअस्लाहीये शहर स्थित पांच मंजिला एक इमारत के मलबे से बाहर निकाला। सिबेल काया नाम की महिला को 170 घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका। बचाव कार्य में तुर्की के कोयला खान का बचाव दल भी शामिल था। इससे पहले, एरेंगुल ओंदर नाम की 60 वर्षीय एक महिला को भी अदियामन प्रांत के बेसनी शहर में मलबे से निकाला गया। मानीसा शहर के मेयर सेंगीज एर्गुन ने एक ट्वीट में कहा,‘‘हमें बेस्नी से एक चमत्कार होने की खबर मिली, जिसने हमारी उम्मीद को कायम रखा है।”
सीरियाई अधिकारियों ने बताया कि मलबे में फंसे होने के दौरान एक महिला ने जिस बच्ची को जन्म दिया था, वह ठीक है। अया नाम की बच्ची को भूकंप के कुछ घंटों बाद मलबे से निकाला गया था। अस्पताल के निदेशक की पत्नी उसे स्तनपान करा रही है। मेक्सिको के नेशनल ऑटोनोमस यूनिवर्सिटी में इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एदुआर्दो रेनोसो अंगुलो ने कहा कि लोगों के जीवित मिलने की संभावना “अब बहुत कम हो गई है।” यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में आपात योजना एवं प्रबंधन के प्रोफेसर डेविड एलेक्जेंडर ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा कि मलबे में लोगों के जीवित मिलने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। सीरिया में, मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सहायता प्रदान करने में विफल रहा है।
तुर्की-सीरिया सीमा का दौरा कर रहे मार्टिन ने कहा, “सीरियाई नागरिक अंतराष्ट्रीय सहायता का इंतजार कर रहे हैं, जो अब तक नहीं पहुंची है।” बचाव समूह व्हाइट हेलमेट्स के मुताबिक, सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मृतक संख्या बढ़कर 2,166 हो गई है। सीरिया में भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या शनिवार को 3,553 थी। वहीं, रविवार को तुर्की में कुल मृतक संख्या 29,605 थी। सीरिया की राजधानी दमिश्क में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रेयसस ने कहा कि संघर्ष, कोविड, हैजा, आर्थिक संकट और अब भूकंप ने मानवीय त्रासदी बढ़ा दी है।