बलरामपुर : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं के उपयोग के लिए ईंट व खप्पर बनाने की परंपरा है लेकिन इसी परंपरा उनके लिए दुख की खबर लाएगा यह किसी ने सोचा नहीं था। लकडियों के माध्यम से ईंट को पकाने के लिए आग लाकर चार लोग सो रहे थे कि एक की गर्मी की वजह से नींद खुद गई और वह बच गया लेकिन तीन लोगों कबल औढ़ कर सो रहे थे और उनकी अत्यधिक गर्मी और गैस रिसाव के कारण मौत हो गई। बलरामपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस सीजन में लोगों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए ईंट, खणार बनाये जाने की परंपरा पुरानी है। जिले में तो कच्चें ईट, खप्पर को लकड़ी से पकाया जाता है। बताया जा रहा है कि गणेश मोह पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम खजूरी में भी ग्रामीणों ने कच्चा ईंट तैयार किया था। इसे पकाने के लिए व्यवस्थित तरीके से एक स्थान पर सभी को जगाकर रखा गया था। रविवार को लकडियों के माध्यम से पकाने की व्यवस्था भी कर ली गई थी। उसमें दोपहर बाद आग लगा दी गई थी। इसी छोटे ईंट भट्टे के ऊपर रविवार की रात चार लोग सो रहे थे। सभी ने कंबल भी ओढ़ रखा था। भोर में तीन बजे अजय नामक युवक की तेज गर्मी के कारण नींद खुल गई थी। संतुलन बिगड?े से वह कम ऊंचाई के भट्टे से नीचे भी उत्तर गया था।
उधर, सुबह जब भड्डे के ऊपर सो रहे लोगों की नींद नहीं खुली तो संदेह हुआ। अजय ने आवाज भी लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, ऐसे में उसने गांव वालों को सूचना दी। गांव वाले मौके पर पहुंचे तो देखा कि तीनों युवक ने कंबल ओढ़ रखा था, लेकिन शरीर में कोई हलचल नहीं थी। कबल हटा कर देखने पर पता चला कि तीनों की मौत हो चुकी है।
घटना की खबर लगते ही बड़ी संख्या में गांव वाले मौके पर पहुंच गए। तीनों को भट्टे से नीचे उतारा गया। नूतकों में राजदेव (28) ग्राम खजुरी बनवा राम (40) ग्राम खजुरी ग्राम पंचायत कोटपाली तथा छोटू कुमार (20) ग्राम असोला शामिल है। इनके परिजन भी घटनास्थल पहुंच गए है।
बलरामपुर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक के नेतृत्व में पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। अभी तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। प्रारंभिक रूप से घटनास्थल के निरीक्षण के बाद जो बातें निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक कंबल ओढ़ कर सोने के कारण भट्टे से निकला धुआं उसका कारण बना होगा। शुद्ध आक्सीजन नहीं मिलने और हुए के कारण दम घुटने से उनकी मौत हुई होगी। पुलिस अभी भी घटनास्थल पर मौजूद है।
घटना के सभी तथ्यों की बारीकी से जांच चल रही है शाम तक कुछ और नई जानकारियां निकल कर सामने आ सकती है। गणेश मोड पुलिस चौकी प्रभारी सतीश सोनवानी का कहना है कि भट्टे के ऊपर सोने से तेज गर्मी और धुआ मौत का कारण बना होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
बलरामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खजूरी कोटपाली के हल पाथर में बनवा चेरवा ने ईंट बनाने भट्टे का निर्माण किया था। स्वयं के उपयोग के लिए ईंट बनाने की बात सामने आ रही है। रविवार को ईंट भट्टे के नीचे आग जलाकर भट्ट के ऊपर अपने रिश्तेदार राजदेव चरखा व पत्नी के भाई छोटू कुमार के साथ सो रहे थे। मृतकों में जीजा-साला शामिल है। तीसरा भी उनका नजदीकी रिश्तेदार है।