कानपुर अग्निकांड पर सियासत तेज! सरकार पर बरसे अखिलेश, बोले- दिखावटी भाजपाई संवेदना का शर्मनाक वीडियो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में सोमवार को ‘मौत का बुलडोजर’ चला। जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान मां और बेटी की जलकर मौत हो गई। इस घटना पर अब सियासत तेज हो गई है। विपक्ष को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है। जिसका लाभ विपक्ष बखूबी उठा रहा है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने कानपुर देहात में हुई घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा पीड़ित परिवार से बातचीत का जो वीडियो शेयर किया है, उसको लेकर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस वीडियो में स्वजन जो मांग कर रहे हैं उसे काट दिया गया है, केवल उपमुख्यमंत्री की बात दिखाई गई है। बता दें कि कानपुर के मंडलायुक्त राज शेखर ने वीडियो काॅल पर पीड़ित परिवार की उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से बात करवाई थी। जैसे ही स्वजन कैमरे पर आए, उपमुख्यमंत्री ने बोलना शुरू कर दिया और कहा कि हम दोषियों को कड़ी सजा दिलाएंगे, सरकार आपके साथ है। ब्रजेश पाठक ने बातचीत का जो वीडियो शेयर किया है, उसमें स्वजन की मांग का हिस्सा नहीं दिखाया गया।
इस पर अखिलेश ने तंज कसते हुए लिखा कि दिखावटी भाजपाई संवेदना का शर्मनाक वीडियो! भाजपाइयों ने अपना हिस्सा तो दिखा दिया, लेकिन पीड़ित की मांग का हिस्सा काट दिया। ये भाजपाई असंवेदनशीलता का निकृष्टतम रूप है।” इसके साथ सपा मुखिया ने बातचीत का पूरा वीडियो इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया है। इसमें स्वजन उपमुख्यमंत्री से एक आर्मी मैन का नाम लेते हुए एसडीएम और एसएचओ पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने ब्राह्मणों के उत्पीड़न का मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने कानपुर की घटना पर ब्राह्मण कार्ड चला है। कांग्रेस ने ट्वीट किया कि यूपी में तानाशाही चरम पर है. कानपुर में ब्राह्मण परिवार का मंदिर तोड़ दिया गया, घर पर बुलडोजर चला दिया गया। ब्राह्मण परिवार अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाता रहा… एक न सुनी गई। आखिर में परेशान होकर घर की महिलाओं ने खुद को आग लगा ली… मौत हो गई। योगी के बुलडोजर ने दो जान ले ली। कांग्रेस की तरफ से नकुल दुबे ने मोर्चा संभाल लिया है।
बता दें कि कानपुर देहात के मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में सोमवार को ग्राम समाज की जमीन पर कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी. इसी कब्जे को हटाने प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ पहुंची थी. दीक्षित और उनके परिवार का बुलडोजर दस्ते से कहासुनी हुई और फिर झोपड़े को गिरने से बचाने के लिए मां-बेटी ने खुद को उसमें बंद कर लिया.