12 सौ CCTV खंगालने के बाद खुलासा, हादसा नहीं हत्या थी देवास प्रॉपर्टी डीलर की मौत; 5 गिरफ्तार
देवास : मध्यप्रदेश के देवास में प्रॉपर्टी कारोबारी की 13 फरवरी को खंटाबा-जामगोद के बीच सड़क हादसे में की मौत हो गई थी। महेंद्र सुमराखेड़ी गांव के रहने वाले थे। दुर्घटना के बाद परिजनों ने संदेह जताया था कि उनकी मौत दुर्घटना में नहीं हुई थी। उन्हें प्रॉपर्टी कारोबार के चलते जानबूझकर आयशर वाहन से टक्कर मार कर हत्या की है। परिजनों की आशंका पर पुलिस ने हत्या की दिशा में जांच शुरू की जांच में 150 स्थानों पर 1200 सीसीटीवी खंगाले। संदेही लोगों की कॉल डिटेल और लोकेशन निकाली। इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
देवास पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि कारोबारी की मौत हादसा नहीं हत्या थी। आरोपियों ने 5 लाख की सुपारी देकर कारोबारी को लोडिंग वाहन से मरवाया था। इसके बाद इसे हादसे का रूप दे दिया था। आरोपियों ने क्राइम पेट्रोल देखकर मर्डर की पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी श्यामलाल कुमावत(44) भौंरासा, संजय खारोल(37) भौंरासा, जितेन्द्र सिंह (36) भौंरासा, कालूराम वर्मा (36) भौंरासा और अखिलेश प्रजापत (36) नीलबड़ को आष्टा जिला सीहोर को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी फरार बताया जा रहा है। आरोपियों के पास से दो आयशर वाहन, एक कार, एक बाइक और एक लाख रुपए कैश बरामद किया गया है।
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी श्याम कुमावत का कारोबारी महेंद्र पटेल से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इसके चलते आरोपी ने उसे हटाने की पूरी साजिश रची। आरोपी ने क्राइम पेट्रोल और अन्य सीरियल्स देखकर हत्या की पूरी प्लानिंग की। उसने 5 लाख रुपए में सुपारी दी। हत्या के लिए 3 लोडिंग वाहन हायर किए थे। 13 फरवरी को एक बाइक पर दो लोगों ने कारोबारी का घर से पीछा किया। कारोबारी के घर से निकलते ही लोडिंग वाहन के ड्राइवर को कॉल किया। जब कारोबारी भोपाल रोड पर पहुंचा तो दो लोडिंग वाहन कारोबारी के पीछे चलने लगे। वहीं एक लोडिंग वाहन ने पीछे से कारोबारी को टक्कर मार दी। कारोबारी की मौके पर ही मौत हो गई।
कारोबारी महेंद्र और मुख्य आरोपी श्याम कुमावत का प्रॉपर्टी को लेकर बीते कई दिनों से विवाद चल रहा था। महेंद्र ने एक बड़े व्यापारी से भौंरासा क्षेत्र में 32 बीघा कृषि भूमि के सौदे की बयाना राशि एक करोड़ 50 लाख रुपए भूमि स्वामी को दी थी। इसका एग्रीमेंट हो चुका था। आरोपी भी वहीं भूमि को खरीदना चाहता था। इसके लिए आरोपी ने भी उसी व्यापारी के साथ और अधिक रुपए देकर उसे अपने पक्ष में कर लिया था। इसी बात को लेकर उनके बीच विवाद भी हुआ था। विवाद के बाद मुख्य आरोपी श्याम ने चार लोगों के साथ मिलकर महेंद्र को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
मृतक महेंद्र के मामा केदार मुकाती ने बताया कि आरोपी ने कुछ समय पहले भांजे को रास्ते से हटाने की बात कही थी। इस बात को महेंद्र ने अपने परिवार को बताया था। हादसे के बाद हमें शंका हो रही थी। हमने पुलिस को इस बारे में बताया था। पुलिस ने जब इसकी जांच की तो आरोपियों की इस पूरी साजिश का खुलासा हो गया।मृतक महेंद्र पटेल के पास 50 बीघा कृषि भूमि है। स्वयं का खेती बाड़ी का कामकाज और दूध व्यवसाय का भी काम है। जमगोद में मां वैष्णो दूध भंडार नाम से डेरी है। मां वैष्णो देवी के भक्त थे। साल में करीब 10 बार माता वैष्णोदेवी की यात्रा करते थे। हत्या वाले दिन वह अपने घर से जामगोद डेरी पर जा रहे थे। इस दौरान हादसा हो गया।
एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने बताया कि बीएनपी थाने के अंतर्गत एक अंधा कत्ल हुआ था। सुपारी लेकर 47 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी और इतनी प्लानिंग के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था जिसमें पुलिस को भनक तक नहीं लगी। बीएनपी थाना पुलिस ने पिछले 24 घंटे में इस घटना का खुलासा किया है। मृतक और आरोपी श्याम के बीच एक कृषि भूमि को लेकर विवाद चल रहा था। हत्या के लिए उसने 4 आरोपियों को 5 लाख रुपए में सुपारी दी थी।