राष्ट्रीय
गुजरात की मकर संक्रांति: पतंग से कट गई 110 पक्षियों के जीवन की डोर
अहमदाबाद। गुजरात में आज अलग-अलग शहरों में 110 पक्षियों की शवयात्रा निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इन पक्षियों की मौत मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान पतंग के मांजे की चपेट में आने से हुई। शनिवार सुबह 37 पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी जुड़े।
सैकड़ों पक्षी, अब कभी नहीं उड़ सकेंगे…
वन-विभाग के बताए अनुसार पूरे राज्य से अब तक लगभग 2200 पक्षियों के घायल होने के आंकड़ें मिले हैं। इनमें से 110 पक्षियों की मौत हो चुकी है। वहीं, सैकड़ों पक्षी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और इनके पंख कट गए हैं, जिससे अब वे दोबारा पतंग की तरह हवा में उड़ान नहीं भर सकेंगे।
मरने वालों में सबसे ज्यादा कबूतर व कौवे:
मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कबूतर व कौवों की है। पक्षियों को बचाने के लिए वन-विभाग की दर्जनों टीमों सहित कई सामाजिक संस्थाएं भी सक्रिय थीं। इससे 400 से अधिक पक्षियों की जान बचा ली गई है।
हर साल पतंगबाजी की भेंट चढ़ जाते हैं पक्षी:
गुजरात में प्रतिवर्ष पतंग महोत्सव के दौरान सैकड़ों की संख्या में पक्षी काल के गाल में समा जाते हैं। इसीलिए इस बार सभी बड़े-छोटे शहरों में घायल पक्षियों के इलाज के लिए चौबीसों घंटे की एंबुलेंस सुविधा शुरू की गई थी। दिन-रात एंबुलेंस शहरों में दौड़ रही थीं। इसके साथ ही घायल पक्षियों के इलाज के लिए हेल्प लाइन की व्यवस्था भी की गई थी।
गुजरात में प्रतिवर्ष पतंग महोत्सव के दौरान सैकड़ों की संख्या में पक्षी काल के गाल में समा जाते हैं। इसीलिए इस बार सभी बड़े-छोटे शहरों में घायल पक्षियों के इलाज के लिए चौबीसों घंटे की एंबुलेंस सुविधा शुरू की गई थी। दिन-रात एंबुलेंस शहरों में दौड़ रही थीं। इसके साथ ही घायल पक्षियों के इलाज के लिए हेल्प लाइन की व्यवस्था भी की गई थी।
वडोदरा में चाइनीज तुग्गल से दो जगह लगी आग:
शहर में गुरुवार रात चाइनीज तुग्गल (रात में उड़ाई जाने वाले लालटेन लगी पतंग) से दो जगहों पर आग लगने की घटनाएं सामने आईं। आग रावपुरा रोड के शो-रूम की छत पर पड़े कबाड़ में और खोडियार नगर चार रास्ता के पास फर्नीचर की दुकान में लगी।