नई दिल्ली: भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश की है और पीएम मोदी उनके निशाने पर हैं। स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि जॉर्ज सोरोस ने ऐलान किया है कि वे हिन्दुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जो हिन्दुस्तान के हितों की नहीं उनके हितों की रक्षा करेंगे। इसका मुंहतोड़ जवाब हर भारतीय को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक विदेशी ताकत जिसके केंद्र में जॉर्ज सोरोस हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि वे भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर वार करेंगे और पीएम मोदी को अपने वार का मुख्य बिन्दु बनाएंगे।
स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारी सरकार जनता के लिए है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी विदेशी ताकतों को हराया है। देश के खिलाफ कोई भी साजिश बर्दाश्त नहीं होगी। स्मृति ईरानी ने कहा कि जॉर्ज सोरोस एक ऐसी सरकार चाहते हैं, जो उनकी नापाक योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनकी जरूरतों के अनुकूल हो। उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने विशेष रूप से पीएम मोदी जैसे नेताओं को लक्षित करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग की घोषणा की है। भाजपा नेता ने देश से आह्वान किया है कि आज देश की जनता को एक नागरिक होने के नाते मैं यह कहना चाहती हूं कि एक विदेशी ताकत, जिसके केंद्र में जॉर्ज सोरोस है। उन्होंने ऐलान किया है कि वो हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक ढांचे पर चोट करेंगे।
जॉर्ज सोरोस का यह ऐलान कि वो हिंदुस्तान में मोदी को झुका देंगे, हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को ध्वस्त करेंगे उसका मुंहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को देना चाहिए। बता दें कि जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी बिजनेसमैन हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनके भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी से मधुर संबंध हैं। उन्होंने ये बात जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान कही। जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी पर अदाणी समूह के कथित हेरफेर में शामिल होने का भी आरोप लगाया था। जिस पर अब भाजपा ने पलटवार किया है।
स्मृति ईरानी ने किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है. स्मृति ईरानी ने कहा कि विदेशी धरती से भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है. जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश की है और पीएम मोदी उनके निशाने पर हैं.
उन्होंने जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिया, एक व्यक्ति जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने ऐलान किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी को अपने वार का मुख्य बिंदु बनाएंगे. स्मृति ईरानी ने कहा कि सोरोस ने ऐलान किया है कि वो हिंदुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जो हिंदुस्तान नहीं बल्कि उनके हितों का संरक्षण करेगी.
एक अरब डॉलर की फंडिंग की घोषणा
स्मृति ईरानी ने कहा कि, “जॉर्ज सोरोस एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी नापाक योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनकी जरूरतों के अनुसार काम करे. उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने विशेष रूप से पीएम मोदी जैसे नेताओं को टारगेट करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग की घोषणा की है.”
एक सुर में जवाब देने का वक्त
स्मृति ईरानी ने कहा, आज जॉर्ज सोरोस को हम एकसुर में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे. हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है, आगे भी हराएंगे. स्मृति ईरानी ने कहा कि आज एक नागरिक के नाते वे हर व्यक्ति, संस्था और समाज से अपील कर रही हैं कि अपने निजी लाभ के लिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कमजोर करने की मंशा रखने वाले इस व्यक्ति की निंदा करें.
कांग्रेस ने भी दिखाया आईना
उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई है. उन्होंने कहा, PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है. इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते.
कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था. वे खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी बताते हैं. हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है. सोरोस ने 2020 में नरेंद्र मोदी, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम दुनिया के तानाशाह के तौर पर बताया था.
ट्रम्प को ठग तो बुश को हटाना बताया था मकसद
11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था, जॉर्ज डब्ल्यू बुश को राष्ट्रपति पद से हटाना उनके जीवन का सबसे बड़ा मकसद है और ये उनके लिए ‘जीवन और मौत का सवाल’ है. सोरोस ने कहा था कि अगर कोई उन्हें सत्ता से बेदखल करने की गारंटी लेता है, तो वो उस पर अपनी पूरी संपत्ति लुटा देंगे.
2017 में सोरोस ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ‘ठग’ बताया था. सोरोस ने कहा था कि उनका मानना है कि ट्रम्प ट्रेड वॉर शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं और उम्मीद करते थे कि फाइनेंशियल मार्केट खराब परफॉर्म करेंगे.