मुंबई: भारत चुनाव आयोग (ECI) ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट को ‘असली शिवसेना’ घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अब उद्धव ठाकरे से ‘तीर-कमान’ का चुनाव चिन्ह भी छिन गया है, जो बाला साहेब ठाकरे के समय से चला आ रहा था। इसका असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी देखने को मिला, जहां पार्टी का नाम बदलने के साथ ही ब्लू टिक यानी वेरिफिकेशन भी हट गया।
निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद उद्धव गुट ने अपना ट्विटर हैंडल बदलकर @ShivsenaUBT_ कर दिया था। इसी के कारण पार्टी का ब्लू टिक छिन गया। इसके साथ ही Twitter पर पार्टी के आधिकारिक मीडिया हैंडल @ShivsenaComms का ब्लू टिक भी @ShivsenaUBTComm होने के बाद हट गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि, ‘हमने नाम के चलते कैडर के साथ-साथ जनता के बीच कन्फ्यूजन से बचने के लिए यह कदम उठाया है। नॉर्म्स के आधार पर ट्विटर की ओर से ब्लू टिक हटाया गया है। हमने दोबारा सर्टिफिकेशन हासिल करने के लिए आवेदन कर दिया है और यह शीघ्र होगा।’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे नीत धड़े को असली शिवसेना के रूप में शुक्रवार (17 फ़रवरी) को मान्यता प्रदान की और उसे ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया। पार्टी पर कंट्रोल के लिए चली लंबी लड़ाई के बाद 78 पृष्ठों के अपने आदेश में, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की इजाजत दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी प्रत्याशियों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में करीब 76 फीसदी वोट पड़े। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले वोटों से 23.5 फीसद मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे।