750 करोड़ से चुनावी साल में होगा नगरीय निकायों की सड़कों का कायाकल्प
भोपाल : चुनावी साल में राज्य सरकार पहली बार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की सड़कों का कायाकल्प करने जा रही है। निकायों को दिए जाने वाले सालाना चार सौ करोड़ के अलावा इस साल सड़कों को नए सिरे से बनाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश के 413 निकायों को 750 करोड़ रुपए देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कायाकल्प अभियान के तहत पहली किस्त के रूप में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए सिंगल क्लिक में प्रदेशभर के नगरीय निकायों के खाते में ट्रांसफर करेंगे। राज्य शासन द्वारा प्रत्येक नगरीय निकाय के लिए जनसंख्या के मान से निकायों की श्रेणी तय करते हुए राशि आवंटित की जाएगी। दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों को 25 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। दो लाख से दस लाख तक की जनसंख्या वाले नगरों को सात करोड़ रुपए दिए जाएंगे। एक से दो लाख तक की जनसंख्या वाले नगरों को तीन करोड़ रुपए दिए जाएंगे। पचास हजार से एक लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को ढाई करोड़ रुपए, तीस हजार से पचास हजार तक की जनसंख्या वाले नगर को एक करोड़ साठ लाख, बीस हजार से तीस हजार आबादी वाले नगर को एक करोड़ और बीस हजार से कम आबादी वाले नगर को पचास लाख रुपए दिए जाएंगे।
इस कायाकल्प अभियान के तहत शहरी क्षेत्रो में सड़कों का पैचवर्क नहीं होगा बल्कि जर्जर हो रही सड़कों को पूरी तरह से उखाड़कर उनके स्थान पर नई सड़के बनाई जाएंगी। जहां सड़के नहीं है वहां भी इस राशि से सड़कों का निर्माण किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में के प्रमुख मार्ग जहां आवागमन अधिकतम हो उनका उन्नयन किया जाएगा ताकि अधिकतम नागरिकों को इसका लाभ मिल सके। अनुपूरक बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेशभर के महापौर और अध्यक्षों को सिंगल क्लिक में कायाकल्प अभियान के तहत 20 फरवरी को साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए बांटेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री पांच निकायों के जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद भी करेंगे। मिंटो हाल में आयोजित समारोह में यह राशि वितरित की जाएगी। पहली बार इतनी बड़ी राशि प्रदेश की शहरी क्षेत्रों की सड़कों के लिए अतिरिक्त रुप से दी जा रही है।
प्रदेशभर में कायाकल्प अभियान के तहत सड़कों के निर्माण और उनकी गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए त्रिस्तरीय कमेटियां बनाई जाएंगी। इनमें राज्य स्तरीय, संचालनालय स्तरीय और संभाग स्तरीय कमेटियां बनाई जाएंगी। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए संभागीय स्तरीय मोबाईल् टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी। राज्य स्तरीय क्वालिटी मानीटर्स स्अेट क्वालिटी मॉनिटर्स मनोनीत किए जाएंगे। निकायों द्वारा प्रस्तुत सिटी रोड एक्शन प्लान सीरेप का अनुमोदन भी किया जाएगा।
इंदौर में 2.60 किलोमीटर लंबी एक डामरीकृत सड़क 65 लाख 89 हजार रुपए में बनना है। बारह किलोमीटर लंबी पांच सीसी सड़कें 2 हजार 444 लाख 66 हजार में बननी है। नगर पालिका मंदसौर में चार किलोमीटर लंबी छह डामर की सड़कें तीन सौ लाख रुपए में बननी है।मुरैना जिले की नगर पालिका जौरा मेें दो सीमेंट कांक्रीट की एक किलोमीटर लंबी सड़कें 160 लाख रुपए में बननी है। शहडोल जिले में धनपुरी नगर पालिका मे 9 किलोमीटर लंबी सात डामर की सड़के 160 लाख रुपए में बननी है। सीधी जिले की नरामपुर नेकिन नगर पालिका में तीन किलोमीटर लंबी चार सीमेंट कांक्रीट की सड़कें पचास लाख रुपए खर्च कर बननी है। इन सभी कि जनप्रतिनिधियों से सीएम चर्चा करेंगे।