जयपुर : राजस्थान के युवाओं को इस साल पर्याप्त रोजगार मिलने की उम्मीद है। वजह यह है कि चुनावी साल में गहलोत सरकार युवाओं को आकर्षित करने में जुटी है। इसलिए राज्य बजट के अतिरिक्त की गई एक लाख भर्तियां करने की युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी विभागों से खाली पड़े पदों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इस कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने सचिवालय में 21 फरवरी को जरूरी मीटिंग भी बुलाई है। सभी विभागों से वर्ष 2023-24 के दौरान भर्ती योग्य पदों की सूचना लेकर सभी विभागाध्यक्षों को मीटिंग में बुलाया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में भर्तियों और परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर बेरोजगार युवा लंबे समय से आंदोलनरत हैं। इसके लिए बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में आंदोलन भी चलाया जा रहा है। ये युवा सभी खाली पड़े पदों पर स्थायी भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हाल ही पेपर लीक मामले से जुड़े कोचिंग इंस्टीटयूट की बिल्डििंग भी धराशायी की हैं। यह अलग बात है कि इन बिल्डिंगों को भवन निर्माण नियमों के उल्लंघन के कारण तोड़ा गया।
भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक बड़ी समस्याः सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक बड़ी समस्या है। अब तक 19-20 बार पेपर लीक हो चुके हैं। इसकी वजह से सरकार को पेपर भी रद्द करने पड़े हैं। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव हाल ही सीएचओ भर्ती परीक्षा का पेपर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस मामले की जांच के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन भी सौंपा है।
पेपर लीक करने वालों पर लगे आजीवन प्रतिबंधः उपेन यादव का कहना है कि पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार को कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। जो भी डमी कैंडिडेट पकड़ा जाए और वह जिसकी जगह परीक्षा देने आया है, उन दोनों को सरकारी नौकरियों के लिए आजीवन अयोग्य घोषित कर देना चाहिए। साथ ही पेपर लीक करने वालों पर हैवी जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए।